बड़ली गाँव का शिलालेख (443 ई.पूर्व)

यह शिलालेख केकड़ी जिले के बड़ली गाँव (भिनाय) के भिलोत माता मंदिर से एक स्तम्भ के टुकड़े से प्राप्त हुआ है यह राजस्थान का सबसे प्राचीन शिलालेख है इसकी लिपि ब्राह्मी है। यह अशोक से भी पहले ब्राह्मी लिपि का है। खंडित अवस्था में यह शिलालेख डॉ. जी. एच. ओझा को 1912 ई. में मिला … Read more

गिरि सुमेल युद्ध का इतिहास

गिरि सुमेल युद्ध का इतिहास: गिरी-सुमेल का युद्ध राजस्थान के  ब्यावर जिले में जैतारण उप-मंडल के गिरी और सुमेल गांवों के पास मारवाड़ शासक मालदेव एवं अफगान शासक शेरशाह सूरी के मध्य 5 जनवरी 1544 ई. में लड़ा गया था। जिसमें शेरशाह सूरी की विजय हुई। मारवाड़ की संस्कृति और मातृभूमि की रक्षा के लिए … Read more

भूताला का युद्ध (सन 1227 ई.)

भुताला का युद्ध सन् 1227 ई. में मेवाड़ शासक जैत्रसिंह एवं इल्तुतमिश के मध्य गोगुन्दा के पास लड़ा गया जिसमें मेवाड़ शासक जैत्रसिंह विजय हुआ।

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय I Maharana Pratap Biography

महाराणा प्रताप का जीवन परिचय I Maharana Pratap Biography: महाराणा प्रताप भारत के सबसे महान राजपूत योद्धाओं में से एक थे। मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने की प्रेरणा महाराणा प्रताप से ही मिलती है। महाराणा प्रताप उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। महाराणा प्रताप का जन्म महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, … Read more

मतीरे की राड़ I तरबूज के लिए हुए युद्ध का ऐतिहासिक किस्सा

मतीरे की राड़: मतीरे की राड़ नामक युद्ध नागौर के शासक राव अमरसिंह व बीकानेर के शासक राजा करणसिंह के मध्य 1644 ई. में लड़ा गया था। मतीरे की राड़ नामक युद्ध ➤यह लड़ाई दुनिया की एकमात्र ऐसी लड़ाई है, जो सिर्फ एक फल की वजह से लड़ी गई थी। इतिहास में इस युद्ध को … Read more

बिजोलिया शिलालेख (भीलवाड़ा)

बिजोलिया शिलालेख राजस्थान के पाश्वर्नाथ जैन मंदिर के पास एक चट्टान पर उत्कीर्ण है, जिसे 1169 ई. (1226 वि.स.) में जैन श्रावक लोलाक द्वारा मंदिर के निर्माण की स्मृति में बनवाया गया था। शिलालेख पत्थर अथवा धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किये गये पाठन सामाग्री को कहते है। शिलालेखों का अध्ययन ‘एपीग्राफी’ (पुरालेखशास्त्र) … Read more

‘राजपूताना मध्य भारत सभा’ का दूसरा अधिवेशन 1919 ई. में कहाँ सम्पन्‍न हुआ?

(A) अमृतसर (B) नागपुर (C) कराची (D) उज्जैन Answer: A ‘राजपूताना मध्य भारत सभा’ का दूसरा अधिवेशन 29 दिसम्बर 1919 में अमृतसर में आयोजित  किया गया। राजपूताना मध्य भारत सभा की स्थापना 1919 में हुई थी। जमनालाल बजाज, गणेश शंकर विद्यार्थी और विजय सिंह पथिक के प्रयासों से इसे दिल्ली में स्थापित किया गया। प्रथम … Read more

1857 की क्रांति के दौरान जयपुर के पॉलिटिंकल ऐजेण्ट कौन थे?

(A) मेजर बर्टन (B) विलियम ईडन (C) मॉक मैसन (D) मेजर मॉरीसन Answer: B भारत में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की शुरूआत 10 मई, 1857 को मेरठ छावनी से हुई। राजस्थान में 1857 की क्रान्ति की शुरूआत 28 मई 1857 को नसीराबाद छावनी से हुई। राजस्थान में 1857 की क्रान्ति के समय  छः ब्रिटिश सैनिक छावनियां … Read more

पांडोली में बनेगा मां पन्नाधाय का पैनोरमा

पांडोली में बनेगा मां पन्नाधाय का पैनोरमा : मेवाड़ की पन्नाधाय के बलिदान और त्याग की याद में पैतृक गांव पांडोली (चित्तौड़गढ़) में उनका पैनोरमा बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए करीब 4 करोड़ रुपए की वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी प्रदान कर दी है। घोषणा के बाद से ही पांडोली गांव में जश्न का … Read more

अर्जुन लाल सेठी का जीवन परिचय

अर्जुन लाल सेठी का जीवन परिचय: अर्जुन लाल सेठी को जयपुर में जनजागृति का जनक, राजस्थान का दधीची, राजस्थान का लोक मान्य तिलक(राम नारायण चौधरी ने कहा) कहा जाता है। अर्जुन लाल सेठी का जन्म 1880 ई. में जयपुर के जैन परिवार में हुआ। इन्होंने इलाहबाद कॉलेज से बी.ए. किया। अर्जुन लाल सेठी का जीवन … Read more

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