अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 2022: स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज में बेन एस. बर्नानके (Ben S. Bernanke), डगलस डब्ल्यू. डायमंड और फिलिप एच. डायबविग (Philip H. Dybvig) को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार 2022 प्रदान किया गया। उन्हें यह पुरस्कार ‘बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध’ के लिए दिया गया है। उन्होंने रिसर्च किया कि समाज वित्तीय संकटों से कैसे निपटता है।
अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 2022
स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज में बेन एस. बर्नानके (Ben S. Bernanke), डगलस डब्ल्यू. डायमंड और फिलिप एच. डायबविग (Philip H. Dybvig) को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार 2022 प्रदान किया गया।
अर्थशास्त्र में वर्ष 2021 का नोबेल पुरस्कार कनाडा में जन्मे डेविड कार्ड (David Card) को और दूसरा आधा भाग संयुक्त रूप से इज़रायल-अमेरिकी जोशुआ डी. एंग्रिस्ट (Joshua D. Angrist) तथा डच-अमेरिकी गुइडो डब्ल्यू. इम्बेन्स (Guido W. Imbens) को दिया गया था।
वर्ष 2022 के लिये साहित्य, रसायन विज्ञान, भौतिकी, चिकित्सा और शांति के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
NOTE: अन्य पुरस्कारों के विपरीत अर्थशास्त्र में पुरस्कार की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल की वर्ष 1895 की वसीयत में नहीं, बल्कि उनकी स्मृति में स्वीडिश केंद्रीय बैंक द्वारा की गई थी, इसका पहला विजेता वर्ष 1969 में चुना गया था। |
बैंकिंग प्रणाली में इन पुरस्कार विजेताओं का योगदान
डगलस डब्ल्यू. डायमंड और फिलिप एच. डायबविग
- डायमंड और डायबविग दोनों ने सैद्धांतिक मॉडल विकसित करने के लिये मिलकर काम किया ताकि यह समझ सकें कि बैंकों की उपस्थिति क्यों आवश्यक है, समाज में उनकी भूमिका उन्हें अपने आसन्न पतन के बारे में अफवाहों के प्रति किस प्रकार संवेदनशील बनाती है, और समाज इस भेद्यता को कैसे कम कर सकता है। ये अंतर्दृष्टियाँ आधुनिक बैंक विनियमन की नींव रखती हैं।
- उन्होंने सरकार की ओर से जमा बीमा के रूप में बैंक की भेद्यता का समाधान प्रस्तुत किया। इसके अनुसार, जब जमाकर्त्ताओं को पता चलता है कि राज्य ने उनके पैसे की गारंटी दी है, तो उन्हें बैंक के बारे में अफवाहें शुरू होते ही बैंक जाने की ज़रूरत नहीं है।
- डायमंड ने यह भी दिखाया कि कैसे बैंक सामाजिक रूप से महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं। बचतकर्त्ताओं और उधारकर्त्ताओं के बीच मध्यस्थ के रूप में बैंक उधारकर्त्ताओं की साख का आकलन करने एवं यह सुनिश्चित करने के लिये अनुकूल हैं कि ऋण का उपयोग अच्छे निवेश हेतु किया जाता है।
बेन एस॰ बर्नानके
- बेन बर्नानके ने 1930 के दशक की महामंदी का विश्लेषण किया, जो आधुनिक इतिहास में सबसे खराब आर्थिक संकट था।
- सांख्यिकीय विश्लेषण के माध्यम से बर्नानके ने दर्शाया कि किस प्रकार असफल बैंकों ने 1930 के दशक के वैश्विक अवसाद की स्थिति में निर्णायक भूमिका निभाई।
- उन्होंने बताया कि कैसे बैंक सुविधाओं का जारी रहना इस गहरे और दीर्घकालिक संकट में एक निर्णायक कारक था।
- उन्होंने बैंक के सुचालित विनियमन के महत्त्व को समझाने में भी मदद की।
- बर्नानके उस समय अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिज़र्व के प्रमुख थे, जब 2008 का संकट उत्पन्न हुआ था और उन्होंने “अनुसंधान से प्राप्त अपने ज्ञान से नीति निर्माण” में मदद की थी।
नोबेल पुरस्कार क्षेत्र
- नोबेल पुरस्कार कुल छह कैटेगरी (रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, मैडिकल, अर्थशास्त्र, शांति और साहित्य) में दिया जाता है।
- वर्ष 1901 से 2021 के बीच अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 609 बार नोबेल पुरस्कार प्रदान किए जा चुके हैं।
- शांति नोबेल पुरस्कार नॉर्वे में प्रदान किया जाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों के पुरस्कार स्वीडन में दिए जाते हैं।
- नोबेल पुरस्कारों विजेताओं के नाम की घोषणा हर साल अक्टूबर माह में की जाती है, जबकि पुरस्कार वितरण 10 दिसंबर को किया जाता है।
भारतीय जिनको मिला नोबेल पुरस्कार
- मदर टेरेसा 1979, शांति
- रबीन्द्र नाथ टैगोर 1913, साहित्य
- डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रामन 1930, भौतिकी
- डॉ. हरगोबिंद खुराना 1968, विज्ञान
- सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर 1983, भौतिकी
- डॉ. अमर्त्य सेन 1998, अर्थशास्त्र
- राजेन्द्र कुमार पचौरी 2007, शांति
- वेंकटरामन रामकृष्णन 2009, रसायन
- कैलाश सत्यार्थी 2014, शांति
- अभिजीत बनर्जी 2019, अर्थशास्त्र