अनूठा है भरतपुर का गुलाबी पत्थर

अनूठा है भरतपुर का गुलाबी पत्थर: भरतपुर के बयाना उपखंड के बंशी पहाड़पुर का पत्थर अपने रंग और मजबूती के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस पत्थर की उम्र लगभग 5000 वर्ष तक मानी जाती है, इसमें रूणी यानी स्टोन कैंसर नहीं होता है।

इस पत्थर का उपयोग देश-विदेश की ऐतिहासिक इमारतों के निर्माण में किया गया है। इस पत्थर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी मजबूती और सुंदरता के साथ वर्षा में इसका रंग परिवर्तित नहीं होता बल्कि निखर जाता है।

इस पत्थर का घनत्व, अधिक भार सहने की क्षमता और आसानी से नक्काशी व पच्चीकारी होने के कारण इसका उपयोग देश के प्रमुख ऐतिहासिक भवनों में किया गया है- इनमें दिल्ली का लाल किला, अयोध्या का राम मंदिर, आगरा किला, जयपुर सिटी पैलेस, हवा महल जयपुर, इंडिया गेट, पुराना संसद भवन, बुलंद दरवाजा, अक्षरधाम व इस्कॉन के मंदिर शामिल है।

यह पत्थर गुलाबी, लाल और बर्रा रंगों में पाया जाता है। इसका उपयोग दीवारों पर बाहरी स्तर पर लगाने, फर्श बनाने में किया जाता है इससे चौकट, फ्रेम आदि भी बनाए जाते हैं।

भरतपुर संभाग में बयान के बंशी पहाड़पुर में गुलाबी, बर्रा व लाल, धौलपुर व करौली जिले में लाल पत्थर पाया जाता है। इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।

इन क्षेत्रों से इस पत्थर को ब्लॉकों में खनन करके नक्काशी का कार्य के लिए बयाना, सरमथुरा, दौसा जिले के सिकंदरा, सिरोही जिले के पिंडवाड़ा व आबूरोड भेजा जाता है।

इसकी कीमत रंग, मोटाई और गुणवत्ता पर निर्भर करती है। यह पत्थर लाल और गुलाबी रंग में अच्छा दिखता है।

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