डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती 2023

डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती 2023: डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती हर साल 14 अप्रैल को देश भर में मनाई जाती है। 2023 में डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई गई।

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डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का जन्म

  • डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर महू में एक महार परिवार में हुआ था। डॉ अंबेडकर एक समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे।
  • डॉ. बी. आर. अम्बेडकर  के बचपन का नाम भीमराव एकपाल उर्फ ‘भीमा’ था।
  • डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के पिता का नाम रामजी राव और दादा का नाम मालोजी सकपाल था
  • डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की मां का नाम भीमाबाई था।

डॉ. बी.आर अम्बेडकर के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • डॉ. अंबेडकर महिलाओं के अधिकारों के भी प्रबल पक्षधर थे और उनका मानना था कि भारत की प्रगति के लिए लैंगिक समानता आवश्यक है।
  • 1927 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अपनी डिग्री प्राप्त करने वाले और विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले वे पहले भारतीय थे।
  • डॉ. भीमराव अंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे। और उन्होंने देश की कानूनी व्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत सरकार द्वारा 1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
  • डॉ. अम्बेडकर का 1956 में 65 वर्ष की आयु में निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत भारत में सामाजिक न्याय आंदोलनों को प्रेरित और प्रभावित करती रही है।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती पर सार्वजनिक अवकाश

डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का जन्मदिन, 14 अप्रैल, पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है, जिसे अम्बेडकर जयंती के रूप में जाना जाता है। डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर 2015 से पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।

डॉ. भीमराव अंबेडकर की पहली जयंती

पहली बार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल, 1928 को पुणे में मनाई गयी थी। इसकी शुरुआत जनार्दन सदाशिव रणपिसे ने की थी जो अंबेडकर के एक प्रबल अनुयायी और सामाजिक कार्यकर्ता थे।

बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन किया

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अछूतों और दलितों के बुनियादी अधिकारों और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय संस्था बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन किया था. इतना ही नहीं उन्होंने दलितों को सार्वजनिक पेयजल आपूर्ति और हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार दिलवाने के लिए भी आंदोलन किया था. स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा, बौद्ध धर्म, विज्ञानवाद, मानवतावाद, सत्य, अहिंसा आदि के विषय अम्बेडकरवाद के सिद्धान्त रहे हैं।

डॉ. भीमरावअम्बेडकर के अनमोल वचन

  • यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊं
  • मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।
  • जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते, कानून द्वारा जो भी स्वतंत्रता प्रदान की जाती है, वह आपके किसी काम की नहीं है।
  • कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार हो जाता है, तो दवा दी जानी चाहिए।
  • यदि आप एक सम्मानजनक जीवन जीने में विश्वास करते हैं, तो आप स्वयं सहायता में विश्वास करते हैं जो सबसे अच्छी मदद है।
  • जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
  • मैं एक समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति की मात्रा से मापता हूं।
  • अपने भाग्य के बजाए अपनी मजबूती पर विश्वास करो।
  • जीवन लंबा होने के बजाए महान होना चाहिए।
  • एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से इस मायने में भिन्न होता है कि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार है।

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