भारत में प्रतिवर्ष 22 दिसम्बर को राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस की घोषणा 26 फरवरी, 2012 को डॉ. मनमोहन सिंह ने की थी। इस दिवस को महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की समृति में मनाया जाता है।
इस वर्ष राष्ट्र रामानुजन की 134वीं जयंती मना रहा है। राष्ट्रीय गणित दिवस मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों को गणित के विकास और मानवता के विकास में इसके महत्व के बारे में जागरूक करना है।
उन्हें निम्नलिखित गणितीय सिद्धांतों के लिए जाना जाता है :
- रामानुजन-सोल्डनर स्थिरांकरामानुजन थीटा फलां
- लैंडो-रामानुजन स्थिरांक
- रोजर्स-रामानुजन तत्समक
- रामानुजन अभाज्य
- रामानुजन योग
श्रीनिवास रामानुजन के जीवन के बारे में
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को तमिलनाडु के इरोड में एक तमिल ब्राह्मण आयंगर परिवार में हुआ था।
- रामानुजन ने 1903 में कुंभकोणम के सरकारी कॉलेज में अध्ययन किया। कॉलेज में, वह गैर-गणितीय विषयों के लिए लापरवाही के कारण परीक्षा में असफल रहे।
- 1912 में, रामानुजन ने मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क के रूप में काम करना शुरू किया।
- प्रथम विश्व युद्ध शुरू होने से कुछ महीने पहले रामानुजन ट्रिनिटी कॉलेज में शामिल हुए थे। 1916 में, उन्होंने विज्ञान स्नातक (बीएससी) की डिग्री प्राप्त की। 1917 में उन्हें लंदन मैथमैटिकल सोसाइटी के लिए चुना गया।
- 1919 में रामानुजन भारत लौट आए। एक साल बाद, उन्होंने 32 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।
- 2015 की फिल्म ‘द मैन हू न्यू इनफिनिटी (The Man Who Knew Infinity)’ श्रीनिवास रामानुजन की जीवनी पर आधारित रिलीज हुई थी।