राजस्थान की तीन हस्तियां पद्मश्री पुरस्कार 2025 से सम्मानित
[A] बतुल बेगम
[B] शीन काफ निजाम
[C] बैजनाथ महाराज
[D] उपर्युक्त सभी
Answer: D
जयपुर की बेगम बतुल, जोधपुर के शीन काफ निजाम और सीकर के बैजनाथ महाराज को पद्मश्री पुरस्कार 2025 से नवाजा जाएगा। 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की।
भजन लोक गायिका बतूल बेगम
बतूल बेगम कई वर्षों से भगवान राम, गणपति, कृष्ण, मीरा, कबीर आदि के भजन गाती आ रही हैं। 72 वर्षीय बेगम ने बताया कि यह अवॉर्ड लोक संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के लिए दिया जा रहा है। यह अवॉर्ड महिला शक्ति को समर्पित है। यूरोप के कई देशों, 2024 में ओलंपिक, अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आदि में प्रस्तुति दे चुकीं हैं। बेगम नागौर जिले के कैराज गांव की हैं। वर्ष 2022 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था।
शीन काफ निजाम
उर्दू और हिंदी पर पकड़ रखने वाले शीन काफ निजाम को साहित्य व शिक्षा की श्रेणी के लिए पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा। उर्दू साहित्य में अपनी विशेष पहचान बनाने वाले शीन काफ निजाम की कई पुस्तकें काफी लोकप्रिय रही हैं। जिनमें मुख्य रूप से लम्हों के सलीब, दश्त में दरिया, साया कोई लम्बा न था, नाद, लफ्ज के दर पर जैसी प्रमुख कृतियां शामिल हैं। निजाम को इससे पहले 2010 में साहित्य अकादमी अवॉर्ड भी मिल चुका है। वर्ष 2023 को निजाम को दी उर्दू अकादमी की फैलोशिप भी दी गई।
बैजनाथ महाराज
1960 से लेकर 1985 तक बैजनाथ महाराज ने ग्राम भारती विद्यापीठ कोठ्यारी में प्राचार्य के पद पर रहकर ग्रामीण अंचल में शिक्षा की अलख जगाई। 1985 में सेवानिवृत्त होने पर श्रद्धानाथ महाराज ने अधिकृत रूप से बैजनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। तब से लेकर आज तक वे लक्ष्मणगढ़ स्थित श्रद्धानाथ के आश्रम के सनातन धर्म के प्रचार में जुटे हैं। बैजनाथ का जन्म 12 जून 1935 को पनलावा गांव में हुआ था। वैदिक शिक्षा की अलख जगाने के लिए श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना की, जिसके माध्यम से हजारों बच्चों को योग वैदिक शिक्षा दीक्षा देने के काम में जुटे हैं।
2025 में, राष्ट्रपति एक युगल मामले सहित 139 पद्म पुरस्कार प्रदान करेंगी (युगल मामले में, पुरस्कार को एक के रूप में गिना जाता है)। इसमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं। इस वर्ष पुरस्कार पाने वालों में 23 महिलाएँ, 10 व्यक्ति विदेशी/अनिवासी भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्ति/भारत के प्रवासी नागरिक की श्रेणी से हैं और 13 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता हैं।