भीमलत महादेव मंदिर (बूंदी)
प्रकृति की गोद में स्थापित भीमलत महादेव मंदिर बूंदी जिले में चित्तौडगढ़ मार्ग पर स्थित है। यहां बने शिवालय में प्रकृति स्वयं महादेव का अभिषेक करती है, जहां पहाड़ों से बारहमासी निकलने वाले पानी से महादेव का अनवरत जलाभिषेक होता है।
मंदिर के बारे में दंतकथा
मान्यता है कि महाभारत काल में पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान यहां आये थे। इस दौरान पीने के पानी का इंतजाम करने के लिए भीम ने जमीन पर पैर मारा तो वहां पानी की धारा निकल पड़ी, वही जलधारा आज भी बह रही है। इसी कारण इस स्थान का नाम भीमलत यानी भीम द्वारा लात मारना है।
भीमलत झरना
प्राचीन भीमलत महादेव मंदिर के पास ही भीमलत झरना स्थित है। इस जलप्रपात की ऊंचाई 150 फीट है। सावन में यहां आस-पास झरनों के बहने से वातावरण अत्यंत मनोरम व रोमांचक हो जाता है। यह झरना राजस्थान के पर्यटन स्थलों में से एक है।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में आने से यह क्षेत्र ईको टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बनेगा। यहां चिंकारा, चीतल, पैंथर, गिद्ध, भेड़िए सहित विभिन्न प्रजातियों के पक्षी व वनस्पति मौजूद है।