राजस्थान तीसरा राज्य जहां मोबाइल वैन के जरिए वायु गुणवत्ता की निगरानी रखी जाएगी
मंडल की ऑनलाइन सतत प्रवाह और वायु प्रयोगशाला प्रभारी शीबा खान ने बताया कि जयपुर और प्रदेश के दूरदराज इलाकों में अत्याधुनिक तकनीक से लैस मोबाइल वैन के जरिये जगह-जगह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की जांच की जाएगी।
जयपुर सहित 15 नए जिलों में तीस करोड़ की लागत से सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता मापन केंद्र (एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन) स्थापित किया जाएगा। इन स्टेशनों के माध्यम से वायु प्रदूषण का स्तर मापा जा सकेगा।
मोबाइल वैन के जरिए हवा की दिशा और गति, तापमान और आर्द्रता, सूक्ष्म-अतिसूक्ष्म धूलकण, सल्फर डॉई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डॉई ऑक्साइड, ओजोन गैस की जांच होगी।
आमतौर पर पेट्रोल पंप पर ईंधन भंडारण करते समय ओजोन गैस बाहर निकलती है, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। यहां वेपर रिकवरी सिस्टम नहीं लगे होते ऐसे में वहां निगरानी कर सख्ती की जाएगी।
राजधानी स्थित औद्योगिक क्षेत्र, डंपिंग यार्ड तथा अन्य क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या है। हवा में सूक्ष्म, अतिसूक्ष्म धूलकण, वाहनों से निकलने वाला धुआं तथा कारखानों से उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण की मोबाइल वैन में लगे मशीनों से जांच की जाएगी।
महाराष्ट्र (पुणे), दिल्ली के बाद राजस्थान तीसरा प्रदेश होगा जहां मोबाइल वैन के जरिए वायु गुणवत्ता की निगरानी रखी जाएगी।