(A) देशनोक
(B) गोगामेड़ी
(C) रामदेवरा
(D) तिलवाड़ा
Answer: D
लोक देवता मल्लीनाथ जी का मंदिर बाड़मेर जिले के तिलवाड़ा गाँव में लूनी नदी के तट पर स्थित है। तिलवाड़ा (बाड़मेर) में चैत्र कृष्ण एकादशी से चैत्र शुक्ल एकादशी तक विशाल पशु-मेला आयोजित किया जाता है।
मल्लीनाथ जी का जन्म मारवाड़ के रावल सलखाँ तीड़ाजी (पिता जी) और जीणन्दे (माता का नाम) के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में 1358 ई. में हुआ था।
मल्लीनाथ जी के गुरु का नाम उगमसी भाटी था। जिनसें योग-साधना की दीक्षा प्राप्त की।
- इनकी पत्नी का नाम रूपादे था। तिलवाड़ा में रानी रूपा-दे का मंदिर भी है।
मल्लीनाथजी को सिद्भपुरुष, चमत्कारिक योद्धा के उपनामों से तथा लोक मानस में इन्हें ‘त्राता’ (रक्षक) के रूप में जाना जाता है।
NOTE: मल्लीनाथ जी ने कूडा पंथ की स्थापना की। मल्लीनाथ जी निर्गुण निराकार ईश्वर को मानते थे।
NOTE: 1378 में मालवा के सूबेदार निजामुद्दीन की सेना को मल्लिनाथ जी ने पराजित किया था।