इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना: राजस्थान सरकार ने महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिए इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना शुरू की है। यह योजना प्रदेश की महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाएगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से महिलाओं के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।
मुख्य बिंदु
- इस योजना के माध्यम से महिलाओं को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
- इस योजना में व्यक्तिगत महिला उद्यमी अथवा स्वयं सहायता समूहों को 50 लाख रुपए तक और समूहों के समूह के रूप में विद्यमान क्लस्टर या फेडरेशन को एक करोड़ रुपए तक की ऋण सुविधा मिलेगी।
- स्वीकृत ऋण राशि पर 25% ऋण अनुदान प्रदान किया जाएगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विधवा, हिंसा से पीड़ित महिला, दिव्यांगजन आदि की महिलाओं को 30% अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- अनुदान की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपए निर्धारित की गई है।
- 10 लाख रुपए से कम ऋण के आवेदन कार्यालय स्तर पर परीक्षण होकर निर्णय कर दिए जाएंगे। योजना में उद्योग, सेवा, व्यापार, डेयरी, कृषि आधारित उद्यम आदि के समस्त क्षेत्रों के लिए महिलाओं को ऋण सुविधा मिल सकेगी।
प्रक्रिया ऑनलाइन
- महिला आवेदन की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना जरूरी है।
- महिला स्वयं सहायता समूह या इन समूहों के समूहों (कलस्टर/फेडरेशन) का राज्य सरकार के किसी विभाग में दर्ज होना आवश्यक है।
- समूहों के कलस्टर/फेडरेशन की स्थिति में उनका नियमानुसार सहकारिता अधिनियम के तहत पंजीकृत होना चाहिए। आवेदन के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट, आवेदक के फोटो, शैक्षणिक प्रमाण पत्र (यदि हो, तो), मूल निवास प्रमाण पत्र आवश्यक रूप से जमा कराने होंगे।
NOTE: बजट 2019-20 में इंदिरा महिला शक्ति निधि योजना (प्रारंभ 18 दिसंबर 2019 से) गठित कि गई जिसका उद्देश्य था कि महिलाओं के कौशल विकास एवं स्वरोजगार में सहायता प्रदान करना है इसी के तहत इंदिरा महिला उद्यम शक्ति योजना को भी प्रारंभ किया गया था। |