राजस्थान समसामयिकी अगस्त 2022: इस पोस्ट में राजस्थान राज्य से सम्बंधित प्रतियोगी परीक्षाओं में राजस्थान समसामयिकी से पूछे जाने वाले प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान समसामयिकी एवं समाचार को सूचीबद्ध किया गया हैं |
राजस्थान समसामयिकी 2022
मांडल राज्य की पहली ऐसी ग्राम पंचायत जहां बिजली के तारों की अंडरग्राउंड लाइनें
28 जुलाई, 2022 को राजस्थान के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने भीलवाड़ा जिले की मांडल ग्राम पंचायत में 33 केवी जीएसएस का लोकार्पण गुरुवार को किया। 90 लाख की लागत से निर्मित इस ग्रिड की स्थापना से क्षेत्र के लोगों को बिजली आपूर्ति संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रमुख बिंदु
- मांडल राज्य की पहली ऐसी ग्राम पंचायत है, जहाँ बिजली के तारों की अंडरग्राउंड लाइनें बिछाई गई हैं। गली- मोहल्लों और घरों की छतों पर अब लटकते तार नहीं दिखेंगे तथा बिजली संबंधी दुर्घटनाएँ भी घटित नहीं होंगी।
- 90 लाख रुपए की लागत से निर्मित इस ग्रिड की स्थापना से क्षेत्र के लोगों को बिजली आपूर्ति संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- राजस्व मंत्री ने कहा कि ज़िले में 132 केवी के 9 ग्रिड तथा 33 केवी के 87 ग्रिड राज्य सरकार द्वारा स्थापित किये गए। मांडल में 33 केवी के विद्युत ग्रिड से यहाँ के छोटे उद्योगों व घरों को बिजली की सुविधा मिलेगी।
- डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता शीशराम वर्मा ने बताया कि मांडल गाँव में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह सुचारु रखने के लिये 33/11 जीएसएस का निर्माण किया गया है।
- 11 केवी के 5 फीडर भीलवाड़ा रोड, ब्यावर रोड़, मेजा रोड़ध्चांद बाग, धोवनी नाडी, बलाई खेड़ा (कृषि) बनाये गये है। उल्लेखनीय है कि पहले गांव की विद्युत आपूर्ति मेजा व मांडल चैराहे से होती थी। पूरे गांव मे 4600 विद्युत कनेक्शन है कभी भी लाईन फाल्ट व अन्य शिकायत के निवारण के लिए पूरे गांव की बिजली बंद करनी पड़ती थी परंतु अब जीएसएस के चालू होने पर ऐसा नहीं होगा।
- लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से यूआईटी के माध्यम से 3 किमी. 11 केवी व 15 किमी. एलटी अंडर ग्राउंड कर दी गई है।
गोबर से संपीड़ित बायोगैस परियोजना की शुरुआत, सांचोर(जालौर, राजस्थान)
एचपीसीएल ने हरित ऊर्जा और पर्यावरण प्रबंधन के लिए प्रतिबद्धता की दिशा में एक उत्कृष्ट कदम के तहत राजस्थान के सांचोर में गोबर से संपीड़ित बायोगैस परियोजना की शुरुआत की। अपशिष्ट से ऊर्जा पोर्टफोलियो के तहत एचपीसीएल की यह पहली परियोजना होगी। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अप्रैल, 2018 में शुरू की गई भारत सरकार की गोबर–धन योजना के तहत इस परियोजना को विकसित किया जा रहा है।
- बायोगैस का उत्पादन करने के लिए संयंत्र में हर दिन 100 टन गोबर का उपयोग करने का प्रस्ताव है, जिसका ऑटोमोबाइल ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- इस परियोजना को एक साल की अवधि में चालू करने का प्रस्ताव है।
- इस परियोजना का शिलान्यास समारोह राजस्थान के जालौर जिला स्थित सांचौर तहसील के पथमेड़ा ग्राम स्थित श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा लोक पुण्यार्थ न्यास में हुआ।
जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव नए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त
- न्यायमूर्ति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव को राजस्थान उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
- राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसएस शिंदे 1 अगस्त को रिटायर होंगे जिसके बाद उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर दो अगस्त को कार्यभार ग्रहण करेंगे।
- इससे पूर्व भी जस्टिस श्रीवास्तव राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे चुके हैं। उन्हें चीफ जस्टिस अकील कुरैशी के रिटायरमेंट के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। ऐसे में उन्हें दूसरी बार हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल है, जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं। न्यायमूर्ति शिंदे को जून में राजस्थान उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था।
जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव
- जन्म- 6 मार्च 1964 (आयु 58) बिलासपुर, छत्तीसगढ़
- इससे पहले, उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे।
सरोज गढ़वाल बनी राजस्थान की पहली स्काई ड्राइवर
राजस्थान के सीकर के छोटे से गांव सांगलिया की छात्रा आसमान की ऊंचाइयों के साथ हवा में गोते लगाती हैं. 19 साल की बीटेक छात्रा सरोज कुमारी यूएसपीए से ए और बी ग्रेड के स्काई डाइविंग में लाइसेंस हासिल कर लिया है. दावा है कि इस उम्र में वह राजस्थान से पहली छात्रा है जिन्होंने यह लाइसेंस प्राप्त किए है।
थाईलैंड के यूएसपीए चार स्काइ डाइविंग लाइसेंस जारी करता है, ए से डी तक, जो कौशल और उपलब्धि के स्तरों को बताता है. यूएसपीए फेडरेशन एयरोनॉटिक इंटरनेशनेल से मान्यता प्राप्त है।
इस लाइसेंस को हासिल करने के लिए 50 से ज्यादा बार सरोज ने एयरोप्लेन से आसमान में 13 हजार से ज्यादा की ऊंचाई से छलांग लगाई गई है, जहां कम तापमान और दो सौ से चार सौ किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा दौड़ती है. उन्होंने स्काइ डाइवर बनने के लिए थाईलैंड के ड्रॉपज़ोन में स्काई डाइवर का प्रशिक्षण लिया ।
राजस्थान में बन रहा दूसरा सबसे बड़ा हैंगिंग ब्रिज
राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े हैंगिंग ब्रिज (Rajasthan Hanging Bridge) पर काम जारी है। हालांकि पिछले 5 सालों से काम अधूरा है। यह ब्रिज डूंगरपुर से बांसवाड़ा (Dungarpur to Banswara Bridge) के बीच 125 करोड़ के बजट में बन रहा है। पुल की कुल लम्बाई 1.925 किलोमीटर लंबा है।
- इस ब्रिज के बन जाने से राजस्थान के डूंगरपुर, बांसवाड़ा जिले और गुजरात के संतरामपुर, दाहोद इलाके के अलावा मध्यप्रदेश के झाबुआ और थांदला के बीच आवागमन सुगम हो जाएगा ।
- पुल बन जाने से गुजरात से सटे डूंगरपुर के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में माही-अनास और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम संगमेश्वर और बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी के बीच की दूरी 100 किमी कम हो जाएगी।
- कोटा के बाद राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा हैंगिंग ब्रिज डूंगरपुर से बांसवाड़ा के बीच बन रहा है इस पुल के बनते ही सागवाड़ा से लेकर गलियाकोट समेत कई कस्बे 20 किमी की दूरी में बांसवाड़ा के आनंदपुरी से जुड़ जाएंगे।
- गुजरात से सटे डूंगरपुर के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में माही-अनास और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम संगमेश्वर और बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी के बीच हैगिंग ब्रीज का काम 5 सालों से चल रहा है।
- लेकिन 2020 में पूरा होने वाला पुल का काम अब 2023 में फाइनल करने की डेडलाइन दी है. ऐसे में लोगों का इंतजार बढ़ता जा रहा है।
- यह ब्रिज पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय में 2016 में स्वीकृत हुआ था. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग राजस्थान सरकार की ओर से हैंगिंग ब्रिज का काम करवाया जा रहा है. चीखली-आनंदपुरी सडक़ पर संगमेश्वर में माही नदी पर उच्च स्तरीय पुल का बन रहा है, जो प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा हैंगिंग ब्रिज है।
- इस पुल की कुल लम्बाई 1.925 किलोमीटर लंबा है. इसके लिए स्वीकृत राशि में से सीआरएफ मद से 99.16 करोड़ एवं एसआरएफ से 34.85 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
हाई स्पीड ट्रेनों के लिए डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक, (नावां, नागौर)
राजस्थान के नागौर जिले के नांवा गांव में 819 करोड़ रुपए की लागत से हाई स्पीड ट्रेन टेस्ट ट्रैक बनने जा रहा है। पूरे विश्व में इस तरह का यह पहला इलेक्ट्रीफाइड डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक होगा।
- टेस्ट ट्रैक का काम पूरा होने पर देश सहित सभी विदेशों की ब्रॉडगेज हाई स्पीड ट्रेनों की टेस्टिंग भी यहां की जा सकेगी और वैश्विक रेलवे के मानचित्र पर राजस्थान अव्वल होगा।
- नागौर जिले के नांवा गांव में 819 करोड़ रुपए की लागत से हाई स्पीड ट्रेन टेस्ट ट्रैक का निर्माण होगा।
- डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक की कुल लंबाई 45 किलोमीटर है।
- यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से ग्रीन प्रोजेक्ट है और इसके सभी स्टेशन सोलर पावर से संचालित किए जाएंगे।
- यह ट्रैक भारत में ट्रेनों की सुरक्षा और गति को बढ़ाने में सहायक होगा।
प्रकाश-एक अभियान, नागौर
नागौर में स्थानीय जिला प्रशासन ने स्कूलों में नामांकन बढ़ाने व ड्रॉपआउट विधार्थियों को पुनः शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से “प्रकाश-एक अभियान” कार्यक्रम की शुरुआत की है।
- इसका मुख्य ध्येय है : “आओ चलें प्रकाश की ओर -पढ़ें पढाएं बच्चों को आगे बढ़ाएं”
- यह अभियान जिला प्रशासन व बाल कल्याण समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही है।
- इस अभियान के तहत पूरे जिले में उन परिवारों के बच्चों पर फोकस किया जाएगा, जो शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ऐसे बच्चों को शिक्षा के मौलिक अधिकार के साथ-साथ परिवारों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
- बच्चों के चिन्हीकरण हेतु सर्वे टीम का गठन होगा इसमें शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पुलिस विभागों के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा तथा बाल कल्याण अधिकारी शामिल होगे।
मुख्यमंत्री हमारी जिम्मेदारी योजना
राजस्थान में ई-मित्र पर मिलने वाली सर्विस के लिए अब दिव्यांग, बुजुर्गों, विधवा या सिलिकोसिस से बीमार व्यक्ति को ई-मित्र केंद्र या कियोस्क पर नहीं जाना पड़ेगा। सरकार मुख्यमंत्री हमारी जिम्मेदारी योजना के तहत अब ऐसे करीब 15 लाख 62 हजार लोगों के लिए घर बैठे ये सुविधा उपलब्ध करवाने का फैसला किया है। इस योजना को मुख्यमंत्री आश्रित सेवा योजना के नाम से लागू किया जायेगा।
इन लोगों को मिलेगा योजना का लाभ
- ऐसे बुजुर्ग जिनकी उम्र 60 साल या उससे ज्यादा है और उनके घर पर कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है.
- ऐसी विधवा महिला जिसके घर कोई भी दूसरा पुरूष सदस्य नहीं है.
- दिव्यांग पुरूष या महिला जिसके घर कोई दूसरा सहयोगी व्यक्ति नहीं है
- सिलिकोसिस से पीड़ित मरीज
योजना में इस तरह से होगा काम
- डिपार्टमेंट ऑफ इन्फोर्मेशन टैक्नोलॉजी एण्ड कम्युनिकेशन के ज्वाइंट डायरेक्टर उमेश चंद जोशी ने बताया कि इस सर्विस को शुरू करने के लिए टेंडर कर दिए हैं. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द इस सर्विस को शुरू किया जाएताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके।
- इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल करना होगा. कॉल करके अपनी खुद की जानकारी और ली जाने वाली सेवा के बारे में बताना होगा. कॉल के बाद आपके पास सर्विस प्रोवाइडर का एक व्यक्ति, जिसे सेवा प्रेरक कहा गया है वो आपके घर आएगा. जहां वह आपके आवेदन से सम्बंधित सभी कार्य करेगा।
- आपके आवेदन की मंजूरी के बाद वो आपके सर्टिफिकेट को आपके घर तक पहुंचना भी सुनिश्चित करेगा. यह पूरी तरह से निशुल्क होगा इसके लिए बेनेफिशरी (लाभार्थी) को कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा।
राज्यपाल ने ‘शौर्य कला प्रदर्शनी’ का उद्घाटन किया
9 अगस्त, 2022 को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने जवाहर कला केंद्र में ‘शौर्य कला प्रदर्शनी’का उद्घाटन किया। यह कला प्रदर्शनी 20 अगस्त, 2022 तक चलेगी।
प्रमुख बिंदु
- 20 अगस्त तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का आयोजन पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र के तीन दिवसीय ‘रंग स्वाधीन’ समारोह के अंतर्गत किया गया है।
- आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कार्यक्रमों की श्रृंखला में इस प्रदर्शनी में स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र, उनके जीवन तथा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी महत्त्वपूर्ण घटनाओं को आकर्षक कलाकृतियों के रूप में संजोया गया है।
- उल्लेखनीय है कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा कोविड काल में शौर्य कला शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें देश भर के कलाकारों द्वारा स्वाधीनता संग्राम एवं स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित कलाकृतियों का निर्माण किया गया था।
- इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि स्वाधीनता सेनानियों की शौर्य गाथा को चित्रों के माध्यम से बहुत सुंदर तरीके से यहाँ प्रदर्शित किया गया है। देश की आजादी के लिये अमूल्य योगदान देने वाली महान विभूतियों के बारे में जानने की प्रेरणा युवा पीढ़ी को इन चित्रों से मिलेगी।
- राज्यपाल ने इस अवसर पर केंद्र द्वारा तैयार करवाए गए मांडणा कलाकृतियों के एलबम और ‘पंचतंत्र कथा मंजरी’का लोकार्पण भी किया।
जवाहर कला केंद्र
- राजस्थान में जवाहर कला केंद्र की स्थापना 1993 में की गई थी। इसका वास्तु चित्र वास्तुकलाकार चार्ल्स कॉरिया ने 1986 में बनाया थ तथा 1993 में बनकर तैयार हुआ। इसकी स्थापना कला धरोहर का संरक्षण तथा राज्य के कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी। जवाहर कला केंद्र राजस्थान के जयपुर में स्थित है।इस कला केंद्र का नाम देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर पड़ा तथा यह उन्हीं को समर्पित है।
राजीव गाँधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आगाज
राजस्थान की पहली मोटर मार्केट का लोकार्पण
21 अगस्त, 2022 को राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश की पहली सुव्यवस्थित मोटर मार्केट का कोटा में लोकार्पण कर मोटर व्यवसायियों को बड़ी सौगात प्रदान की।
प्रदेश के पहले मोटर मार्केट का लोकार्पण
स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि यह प्रदेश की पहली सुव्यवस्थित मोटर मार्केट है, जिसमें मोटर व्यवसाय करने वाले नागरिकों को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएँ मिलेंगी। यहाँ एक ही स्थान पर पुराने वाहन खरीदने वालों को भी अनेक विकल्प मिलेंगे।
- इस मोटर मार्केट से शहर में विभिन्न स्थानों में मोटर व्यवसाय करने वाले नागरिकों को सुविधाएँ मिलने के साथ शहर में जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
- उन्होंने कहा कि नगर विकास द्वारा यहाँ सभी सुविधाओं का निर्माण कराया गया है, मोटर व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों से केवल दुकान निर्माण की लागत लेकर दुकान का मालिकाना हक प्रदान किया गया है।
- स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि शहर में पशुपालकों की सुविधा के लिये देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना बनाई गई है, जिसमें पशुपालकों के लिये सभी सुविधाओं का समावेश किया गया है। इससे पशुपालकों को दैनिक जीवन में आने वाली परेशानियों से निजात मिली है, वहीं शहर में जगह-जगह अनाधिकृत पशुबाड़ों से भी निजात मिली है।
- नगर विकास न्यास द्वारा तैयार की गई प्रदेश की पहली मोटर मार्केट को डीसीएम रोड पर शिवाजी पार्क के पास विकसित किया गया है। इसमें वर्तमान में 247 दुकान निर्मित हैं तथा 9 दुकानों का निर्माण और कराया जाएगा। इसमें व्यवसायियों के लिये चारों ओर सीसी रोड का निर्माण, आधुनिक शौचालय, रोड लाईट, सभी दुकानों का विद्युतीकरण कराया गया है। लगभग 15 बीघा क्षेत्र इसके लिये आरक्षित है।
मुख्यमंत्री ने किया ‘राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी’ का उद्घाटन
20 अगस्त, 2022 को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में ‘राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी’(आर-कैट) का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इससे प्रदेश के युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में उन्नत व उभरती प्रौद्योगिकी सीखने का अवसर मिलेगा।
- इन क्षेत्रों की बड़ी कंपनियों के विशेषज्ञों द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विश्वस्तरीय आई.टी. फिनिशिंग स्कूल में युवाओं को एडवांस टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग मिलेगी। तकनीक स्नातकों को आईटी प्रौद्योगिकी में 6 महीने तक का प्रशिक्षण मिलेगा। इससे युवाओं को रोज़गार के उत्कृष्ट अवसर मिलेंगे और वे राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा सकेंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में आईटी सेक्टर को मज़बूत करने के लिये जोधपुर में 650 करोड़ रुपए की लागत से फिनटेक यूनिवर्सिटी का निर्माण शुरू होने जा रहा है। इसके अलावा संभागीय मुख्यालयों पर भी जल्द ही राजीव गांधी के नाम से आईटी शिक्षा के संस्थान स्थापित किये जाएंगे।
- राज्य में सरकार एवं उद्योग जगत् की मांग के अनुसार गुणवत्तापूर्ण तकनीकी जनशक्ति उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये विश्वस्तरीय सर्टिफिकेशन प्रोग्राम को अपनाते हुए आईटी क्षेत्र की अग्रणी संस्थाओं के साथ सहभागिता के आधार पर प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम संचालित करने के लिये आर-कैट को 2022 में राजस्थान सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1958 के अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग, राजस्थान सरकार के संरक्षण में स्थापित किया गया है।
- अब इस संस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई-एमएल) ब्लॉकचेन, ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (एआर/पीआर) बिग डाटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स और टम कंप्यूटिंग आदि पर भागीदार संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा और सफल अभ्यर्थियों को विश्वस्तरीय सर्टिफिकेट भी दिये जाएंगे।
- आर-कैट युवाओं और कामकाजी पेशेवरों के विकास, तकनीकी और सॉफ्ट स्किल्स के लिये फिनिशिंग स्कूल के रूप में कार्य करेगा, ताकि उन्हें उद्योग आधारित मांग के अनुरूप तैयार किया जा सके एवं उद्योग अपडेट सहकार्य पहले से स्थापित प्रयोगशालाओं के उपयोग आदि के लिये स्टार्ट-अप का समर्थन किया जा सके।
- यहाँ ओरेकल वीएमवेयर एसएएस रेडहैट सिस्कों एवं कैडओटाफिना जैसे वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के सहयोग से बीई, बीटेक, बीसीए, एमसीए एमबीए और एमएससी (आईटी) जैसे पेशेवर स्नातकों के लिये एक सप्ताह से छह महीने तक की अवधि के उन्नत और उभरती आईटी आधारित प्रमुख तकनीकी, जैसे- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई-एमएल) ब्लॉकचेन, ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी (एजार / वीआर), बिग डाटा एनालिटिक्स रोबोटिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग आदि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगें।