भारत ने 5 नए रामसर स्थलों को नामित किया

भारत ने 5 नए रामसर स्थलों को नामित किया: भारत ने अंतरराष्ट्रीय महत्व के पांच नए आर्द्रभूमि स्थल नामित किए हैं, जिसमें तमिलनाडु में तीन आर्द्रभूमि स्थल (करीकिली पक्षी अभयारण्य, पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट और पिचवरम मैंग्रोव), मिजोरम में एक (पाला आर्द्रभूमि) और मध्य प्रदेश में एक आर्द्रभूमि स्थल (साख्य सागर) शामिल हैं। इस प्रकार, देश में रामसर स्थलों की कुल संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गयी है। 

New Ramsar Sites in India 2022

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पांच नए आर्द्रभूमि स्थल

करीकिली पक्षी अभयारण्य : कांचीपुरम (तमिलनाडु) जिले में स्तिथ इस अभ्यारण्य में 100 से ज्यादा पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं। और 1988 में पक्षी अभयारण्य के रूप में संयुक्त रूप से दो टैंक स्थापित किए गए हैं। यह क्षेत्र खुले क्षेत्रों, धान के खेतों और झाड़ियों के जंगल से घिरा हुआ है। कई प्रवासी पक्षियों जैसे उत्तरी पिनटेल , Garganey , आम सैंडपाइपर Karikili से दर्ज किए गए।

पिचवरम मैंग्रोव: पिचवरम (तमिलनाडु) में मैंग्रोव वन से आच्छादित पानी के विशाल विस्तार में कई द्वीप शामिल हैं। पिचवरम मैंग्रोव वन भारत के सबसे बड़े मैंग्रोव वनों में से एक है जो लगभग 1100 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करता है। यह रेत की पट्टी द्वारा बंगाल की खाड़ी से अलग होता है । जो लगभग 180 प्रजातियों का घर है।

पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट: पल्लीकरनई (Pallikaranai) वेटलैंड चेन्नई, तमिलनाडु में स्थित एक मीठे पानी का दलदल है। यह शहर का एकमात्र जीवित आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र है और दक्षिण भारत के कुछ और अंतिम शेष प्राकृतिक आर्द्रभूमि में से एक है। जो बंगाल की खाड़ी के निकट स्तिथ है।

पाला अर्द्धभूमि: यह एक प्राक्रतिक झील है, पाला या पालक झील मिजोरम के सियाहा जिले के फुरा गॉव में स्तिथ है।

साख्य सागर: शिवपुरी में साख्य सागर झील एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित साख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा दिया गया है। यह मध्य प्रदेश में भोजताल के बाद दूसरी रामसर साइट है।

रामसर संधि क्या है? | What is the Ramsar Treaty?

  • रामसर स्थलों का महत्व बहुत पहले से हैं, जिसके लिए रामसर आर्द्रभूमि समझौता (Ramsar Convention on Wetlands) भी हो चुका है। रामसर संधि 2 फरवरी, 1971 में ईरान के कैप्सियन सागर के किनारे स्थित शहर रामसर में रामसर संधि के लिए हस्ताक्षर किये गए थे। इसलिए इस प्रकार की आद्रभूमियों को रामसर स्थलों के नाम से जाना जाता है और इस समझौते को रामसर संधि या आर्द्रभूमि संधि (Wetland Convention) कहा जाता है।
  • रामसर स्थलों के रूप में घोषित आर्द्रभूमि सम्मेलन के सख्त दिशानिर्देशों के तहत संरक्षित हैं। रामसर सूची का उद्देश्य आर्द्रभूमि के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को विकसित करना और बनाए रखना है जो वैश्विक जैविक विविधता के संरक्षण के लिए और उनके पारिस्थितिक तंत्र घटकों, प्रक्रियाओं और लाभों के रखरखाव के माध्यम से मानव जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस:
  • यह दिवस 02 फरवरी, 1971 को ईरानी शहर रामसर में ‘आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन’ को अपनाने की तारीख को चिह्नित करता है।
  • रामसर कन्वेंशन एक अंतर-सरकारी संधि है जो आर्द्रभूमि एवं उनके संसाधनों के संरक्षण तथा उचित उपयोग हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये रूपरेखा प्रदान करती है।
  • यह दिवस पहली बार वर्ष 1997 में मनाया गया था।
  • वर्ष 2022 के लिये थीम: ‘वेटलैंड एक्शन फॉर पीपल्स एंड नेचर।’
NOTE: विश्व आर्द्रभूमि दिवस प्रतिवर्ष 02 फरवरी, को दुनिया भर में आयोजित किया जाता है।

भारत में रामसर स्थलों की सूची I List of Ramsar Sites in India

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