भारत में रामसर स्थलों की सूची I List of Ramsar Sites in India: आज हम इस लेख में भारत के रामसर स्थल से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं जैसे कि भारत में रामसर स्थल कितने है? (List of Ramsar Sites in India in Hindi) या फिर यह रामसर स्थल होते क्या है? आर्द्रभूमि क्या है आपके इन सभी सवालों का जवाब नीचे लेख में दिया गया है। साथ ही साथ यदि आप किसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं जैसे रेलवे ग्रुप डी, आरआरबी एनटीपीसी, बैंकिंग, यूपीएससी, स्टेट पीएससी, आदि परीक्षाओं की तो आपके लिए यह लेख बहुत ही मददगार साबित हो सकता है। रामसर स्थलों के बारे में विस्तार से जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
रामसर स्थल क्या होते है? | What is Ramsar site?
रामसर वह आर्द्रभूमि या नम भूमि हैं, जिन्हें रामसर कन्वेंशन के तहत “अंतर्राष्ट्रीय महत्व” दिया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों पर रामसर सम्मेलन विशेष रूप से जलपक्षी आवास के रूप में आर्द्रभूमि के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसे वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है। इसका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहां 1971 में कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
रामसर संधि क्या है? | What is the Ramsar Treaty?
रामसर स्थलों का महत्व बहुत पहले से हैं, जिसके लिए रामसर आर्द्रभूमि समझौता (Ramsar Convention on Wetlands) भी हो चुका है। रामसर संधि 2 फरवरी, 1971 में ईरान के कैप्सियन सागर के किनारे स्थित शहर रामसर में रामसर संधि के लिए हस्ताक्षर किये गए थे। इसलिए इस प्रकार की आद्रभूमियों को रामसर स्थलों के नाम से जाना जाता है और इस समझौते को रामसर संधि या आर्द्रभूमि संधि (Wetland Convention) कहा जाता है।
रामसर संधि सन् 1975 में लागू हुई थी। लेकिन भारत ने 1982 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। भारत में रामसर स्थलों की सूची (List of Ramsar Sites in India in Hindi) वन एवं जलवायु-परवर्तन मंत्रालय नोडल मंत्रालय तैयार करता है। आर्द्रभूमि के संरक्षण की जिम्मेदारी भी वन एवं जलवायु-परवर्तन मंत्रालय नोडल मंत्रालय की ही है। आपको बता दें कि भारत में सम्पूर्ण भूमि के 4.7% पर आर्द्रभूमि फैली हुई है। रामसर साइट्स द्वारा कवर किया गया सतह-क्षेत्र लगभग 1,083,322 हेक्टेयर है।
आर्द्रभूमि का महत्व
आर्द्रभूमि जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे भूजल को शुद्ध करते हैं। वे बाढ़ और सूखे के खिलाफ एक प्राकृतिक स्पंज के रूप में भी काम करते हैं और हमारे समुद्र तटों की रक्षा करते हैं। वे जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी भूमिका निभाते हैं। वे शहरी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं और शहरी बाढ़ को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अगस्त 2021 में जोड़ी गई भारत की चार नई रामसर स्थल –
भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य (Bhindawas Wildlife Sanctuary)
यह हरियाणा की सबसे बड़ी आर्द्रभूमि है। मानव निर्मित मीठे पानी की इस आर्द्रभूमि में 250 से अधिक पक्षी प्रजातियां शामिल हैं। पक्षी प्रजातियां पूरे साल इस अभयारण्य का उपयोग आराम करने और बसने के लिए करती हैं। यह स्टेपी ईगल, लुप्तप्राय मिस्र के गिद्ध, ब्लैक-बेलिड टर्न और फिश ईगल जैसी दस से अधिक विश्व स्तर पर खतरे वाली प्रजातियों का भी समर्थन करता है।
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park)
हरियाणा का यह पार्क निवासी, शीतकालीन प्रवासी और स्थानीय प्रवासी जलपक्षियों की 220 से अधिक प्रजातियों को सहायता प्रदान करता है।
थोल झील वन्यजीव अभयारण्य (Thol Lake Wildlife Sanctuary)
यह गुजरात में मध्य एशियाई फ्लाईवे पर स्थित है। यह 320 से अधिक पक्षी प्रजातियों और 30 से अधिक संकटग्रस्त जलपक्षी प्रजातियों जैसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय सफेद-पंख वाले गिद्ध, लैपविंग, कॉमन पोचार्ड आदि का समर्थन करता है।
वाधवाना वेटलैंड (Wadhwana Wetland)
यह गुजरात में स्थित एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि है। यह अपने पक्षी जीवन के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह मध्य एशियाई फ्लाईवे पर प्रवास करने वाले प्रवासी जलपक्षियों को सर्दियों का मैदान प्रदान करता है।
भारत के दो और नये रामसर साइट्स
2 फरवरी, 2022 को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने हरियाणा के गुरुग्राम के सुल्तानपुर राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में आयोजित कार्यक्रम में गुजरात राज्य में स्थित ‘ खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य ‘ और उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित ‘ बखिरा वन्यजीव अभयारण्य ‘ को भारत की दो नई रामसर साइट्स के रूप घोषणा की जिसके बाद भारत में कुल 49 रामसर साइट्स हो गई है।
बखिरा वन्यजीव अभयारण्य (Bakhira Wildlife Sanctuary)
- उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जनपद में स्थित बखिरा वन्यजीव अभयारण्य बड़ी संख्या में मध्य एशियाई पक्षियों की प्रजातियों के लिये सर्दियों में सुरक्षित और अनुकूल स्थल प्रदान करता है। यहाँ मछली की 30 से अधिक प्रजातियां हैं। इनमे प्रमुख हैं: चना और लबियो रोहिता। आर्द्रभूमि ग्रे-हेडेड स्वैम्पहेन (grey – headed swamphen) का प्रजनन स्थल है। इसे पर्पल स्वैम्प हेन या इंडियन पर्पल मूरहेन भी कहा जाता है। इसे स्थानीय रूप से काइमा (Kaima) कहा जाता है। यह आर्द्रभूमि बखिरा नहर से जुड़ी हुई है। यह नहर आसपास के गांवों में सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति करने के लिए 15 किलोमीटर चलती है।
खिजड़िया पक्षी अभ्यारण्य (Khijadia Bird Sanctuary)
- यह जामनगर, गुजरात में स्थित है। इस अभयारण्य में 300 से अधिक प्रवासी पक्षी आते हैं। इसमें मीठे पानी की दलदली भूमि, मीठे पानी की झीलें और खारे पानी की दलदली भूमि हैं। यह रूपारेल (Ruparel) नदी द्वारा पोषित है। इसमें खाड़ियाँ भी हैं जो मैंग्रोव का समर्थन करती हैं। यह कच्छ क्षेत्र की खाड़ी में स्थित है। यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के घोंसलों के लिए जाना जाता है जैसे तैरते हुए घोंसले, जमीन पर बने घोंसलों और पेड़ों पर बने घोंसले। इस अभयारण्य में काली गर्दन वाले सारस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह भारत में और कहीं नहीं पाया जाता है।
List of 54 Ramsar Sites In India
क्र. सं. | रामसर साइट | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | घोषित वर्ष |
1. | चिल्का झील | ओडिशा | 1981 |
2. | केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान | राजस्थान | 1981 |
3. | लोकटक झील | मणिपुर | 1990 |
4. | वुलर झील | जम्मू-कश्मीर | 1990 |
5. | हरिके झील | पंजाब | 1990 |
6. | सांभर झील | राजस्थान | 1990 |
7. | कंजली झील | पंजाब | 2002 |
8. | रोपड़ आर्द्रभूमि | पंजाब | 2002 |
9. | कोलेरु झील | आंध्र प्रदेश | 2002 |
10 | दीपोर बील | असम | 2002 |
11. | पोंग बांध झील | हिमाचल प्रदेश | 2002 |
12. | त्सो मोरीरी झील | लद्दाख | 2002 |
13. | अष्टमुडी झील | केरल | 2002 |
14. | सस्थमकोट्टा झील | केरल | 2002 |
15. | वेम्बनाड-कोल आर्द्रभूमि क्षेत्र | केरल | 2002 |
16. | भोज आर्द्रभूमि | मध्य प्रदेश | 2002 |
17. | भितरकनिका मैंग्रोव | उड़ीसा | 2002 |
18. | प्वाइंट कैलिमेरे वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य | तमिलनाडु | 2002 |
19. | पूर्व कोलकाता आर्द्रभूमि | पश्चिम बंगाल | 2002 |
20. | चंदेरटल आर्द्रभूमि | हिमाचल प्रदेश | 2005 |
21. | रेणुका आर्द्रभूमि | हिमाचल प्रदेश | 2005 |
22. | होकेरा आर्द्रभूमि | जम्मू और कश्मीर | 2005 |
23. | सुरिंसर और मानसर झील | जम्मू और कश्मीर | 2005 |
24. | रुद्रसागर झील | त्रिपुरा | 2005 |
25. | ऊपरी गंगा नदी | उत्तर प्रदेश | 2005 |
26. | नालसरोवर पक्षी अभयारण्य | गुजरात | 2012 |
27. | सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र | पश्चिम बंगाल | 2019 |
28. | नंदुर मध्यमेश्वर | महाराष्ट्र | 2019 |
29. | केशोपुर मिआनी कम्युनिटी रिजर्व | पंजाब | 2019 |
30. | नांगल वन्यजीव अभयारण्य | पंजाब | 2019 |
31. | व्यास संरक्षण रिजर्व | पंजाब | 2019 |
32. | नवाबगंज पक्षी अभयारण्य | उत्तर प्रदेश | 2019 |
33. | साण्डी पक्षी अभयारण्य | उत्तर प्रदेश | 2019 |
34. | समसपुर पक्षी अभयारण्य | उत्तर प्रदेश | 2019 |
35. | समन पक्षी अभयारण्य | उत्तर प्रदेश | 2019 |
36. | पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्य | उत्तर प्रदेश | 2019 |
37. | सरसई नावर झील | उत्तर प्रदेश | 2019 |
38. | आसन कंजर्वेशन रिजर्व | उत्तराखंड | 2020 |
39. | काबर ताल झील | बिहार | 2020 |
40. | लोनार झील | महाराष्ट्र | 2020 |
41. | सुर सरोवर झील | उत्तर प्रदेश | 2020 |
42. | त्सो कर आर्द्रभूमि क्षेत्र | लद्दाख | 2020 |
43. | वाधवाना आर्द्रभूमि क्षेत्र | गुजरात | 2021 |
44. | थोल झील वन्यजीव अभ्यारण्य | गुजरात | 2021 |
45. | सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान | हरियाणा | 2021 |
46. | भिंड़ावास वन्यजीव अभ्यारण्य | हरियाणा | 2021 |
47. | हैदरपुर वेटलैंड | उत्तर प्रदेश | 2021 |
48. | बखीरा वन्यजीव अभ्यारण | उत्तर प्रदेश | 2022 |
49. | खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य | गुजरात | 2022 |
पांच नए आर्द्रभूमि स्थल
क्र. सं. | रामसर साइट | राज्य | घोषित |
50 | करीकिली पक्षी अभयारण्य | तमिलनाडु | 2022 |
51 | पिचवरम मैंग्रोव | तमिलनाडु | 2022 |
52 | पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट | तमिलनाडु | 2022 |
53 | पाला अर्द्धभूमि | मिजोरम | 2022 |
54 | साख्य सागर | मध्य प्रदेश | 2022 |
देश में रामसर स्थलों की कुल संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गयी है। साथ ही, भारत में दो ब्लू टैग बीच हैं। आशा करते हैं आपको भारत में रामसर स्थलों की सूची (List of Ramsar Sites in India in Hindi) का ये लेख पसंद आया होगा।