केरल में स्थापित किया जाएगा भारत का पहला ग्राफीन नवाचार केंद्र: डिजिटल यूनिवर्सिटी केरल (Digital University Kerala – DUK) द्वारा केरल में ग्राफीन (graphene) के लिए भारत का पहला नवाचार केंद्र 86.41 करोड़ रुपये में त्रिशूर में सेंटर फॉर मैटेरियल्स फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी (Centre for Materials for Electronics Technology – C-MET) के साथ स्थापित किया जाएगा।
यह देश का पहला ग्राफीन अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) ऊष्मायन केंद्र होगा। टाटा स्टील लिमिटेड केंद्र का औद्योगिक भागीदार बनने के लिए तैयार है।
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। परियोजना, जिसे केरल सरकार के समर्थन से लागू किया जाएगा, से ज्ञान उद्योग क्षेत्र में राज्य के विकास में तेजी आने की उम्मीद है।
ग्राफीन (Graphene) क्या है?
- ग्राफीन दुनिया का सबसे मजबूत पदार्थ है। साथ ही, यह सबसे पतला पदार्थ है। ग्राफीन अपने असाधारण विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक गुणों के लिए जाना जाता है, और नवीनतम शोध के अनुसार, यह इंडियम को प्रतिस्थापित कर सकता है और इस प्रकार स्मार्टफ़ोन में ओएलईडी (ऑर्गेनिक लाइट-एमिटिंग डायोड – organic light-emitting diode) स्क्रीन की लागत को कम कर सकता है।
- पारदर्शी और हल्के होने के साथ-साथ ग्राफीन में अच्छी रासायनिक स्थिरता, उच्च विद्युत चालकता और एक बड़ा सतह क्षेत्र होता है।
ग्राफीन के उपयोग
- अन्य सामग्रियों को मज़बूत बनाने के लिए भी ग्राफीन का उपयोग किया जाता है। धातु, प्लास्टिक या किसी अन्य सामग्री में बहुत कम मात्रा में ग्राफीन मिलाने से यह अत्यधिक मजबूत हो जाता है।
- ग्राफीन में जंग रोधी कोटिंग होती है। इसका उपयोग दवा वितरण, सेंसर, पेंट और सौर पैनलों में किया जाता है।
Q. भारत का पहला ग्राफीन नवाचार केंद्र कहाँ पर स्थापित किया जाएगा?
(a) केरल
(b) कर्नाटक
(c) तमिलनाडु
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : केरल