मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) 10 दिसम्बर: पहली बार 10 दिसंबर 1948 को यू एन द्वारा मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर व्यक्ति के अधिकारों का मुद्दा उठाया गया था, इसलिए इस दिवस को हर वर्ष मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।
हर साल 10 दिसंबर को विश्व भर में मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) मनाया जाता है। यह दिवस 10 दिसंबर, 1948 को अस्तित्व में आया, जब संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाया गया था। मानवाधिकार दिवस की आधिकारिक स्थापना 4 दिसम्बर, 1950 को संयुक राष्ट्र महासभा की 317वीं प्लेनरी बैठक में की गयी थी।
दिन का विषय:
- मानवाधिकार दिवस 2021 का विषय “समानता – असमानताओं को कम करना, मानव अधिकारों को आगे बढ़ाना” है। इस वर्ष के मानवाधिकार दिवस की थीम ‘समानता’ और यूडीएचआर के अनुच्छेद 1 से संबंधित है – “सभी इंसान स्वतंत्र और सम्मान और अधिकारों में समान पैदा होते हैं।”
भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना 12 अक्टूबर, 1993 को 28 सितम्बर, 1993 के मानव अधिकार सुरक्षा अध्यादेश के तहत की गयी थी। इसे मानव अधिकार सुरक्षा अधिनियम, 1993 के द्वारा वैधानिक आधार प्रदान किया गया। यह आयोग जीवन, स्वतंत्रता, समानता तथा सम्मान इत्यादि मूलभूत मानवीय अधिकारों की सुरक्षा के लिए कार्य करता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्य
- संविधान द्वारा प्रदान संरक्षण की समीक्षा करना।
- मानवाधिकार से सम्बंधित अंतर्राष्ट्रीय संधियों इत्यादि का अध्ययन करना तथा उसके आधार पर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अनुशंसा करना।
- मानवाधिकार के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देना।
- समाज के विभिन्न वर्गों में मानवाधिकार शिक्षा का प्रसार करना।
- सरकार द्वारा किये गये मानवाधिकारों के उल्लंघन की पड़ताल करना।
- मानवाधिकार से सम्बंधित कानूनी कार्यवाही में हस्तक्षेप करना।
- पीड़ितों तथा उनके परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए अनुशंसा करना।
उद्देश्य:
समानता, शांति, न्याय, स्वतंत्रता और मानव गरिमा की सुरक्षा को बढ़ावा देना। प्रत्येक व्यक्ति जाति, रंग, धर्म, लिंग, भाषा या सामाजिक स्थिति के भिन्न होने के बावजूद मानवाधिकारों का हकदार है।