राजस्थान सरकार की बैक टू वर्क’ योजना (Back to work scheme) : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 30 नवंबर, 2021 को पारिवारिक परिस्थितियों के चलते जॉब छोड़ने वाली महिलाओं के लिये राज्य सरकार की ‘बैक टू वर्क’ योजना को मंज़ूरी दी है।
राज्य सरकार पारिवारिक परिस्थितियों के चलते जॉब छोड़ने वाली महिलाओं के लिए राज्य में शुरु की ’बैक टू वर्क’ योजना।
राजस्थान सरकार की ‘बैक टू वर्क’ योजना (Back to work scheme)
शादी के बाद घर-परिवार संभालने एवं अन्य कारणों से कामकाजी महिलाओं को कई बार जॉब छोड़ना पड़ता है। नौकरी छोड़ने वाली इन कामकाजी महिलाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से फिर से जॉब दिलाने या वर्क फ्रॉम होम का अवसर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने ‘बैक टू वर्क’ योजना शुरु की है।
- रोज़गार से जुड़ने की इच्छुक महिलाओं को महिला अधिकारिता निदेशालय एवं सीएसआर संस्था के माध्यम से रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा विकसित की जाएगी। इसके अलावा आरकेसीएल के माध्यम से स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
- इस योजना में आगामी 3 वर्षों में 15 हज़ार महिलाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से फिर से जॉब दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। विधवा, परित्यकता, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी, जो महिलाएँ कार्यस्थल पर जाने में सक्षम नहीं होंगी, उन्हें वर्क फ्रॉम होम का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा।
- पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना के क्रियान्वयन के लिये सहयोगी संस्था/सीएसआर संस्था के पोर्टल अथवा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर लक्षित श्रेणी की महिलाओं से आवेदन लिये जाएंगे।
- ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड महिलाओं को श्रेणीवार डाटाबेस के आधार पर निजी क्षेत्र में रोज़गार से जोड़ने का कार्य सीएसआर संस्था द्वारा किया जाएगा। आवश्यकता होने पर सीएसआर संस्था द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड लक्षित श्रेणी की महिलाओं को री-स्किलिंग/अप-स्किलिंग हेतु प्रशिक्षण सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जिसका अपडेशन पोर्टल पर किया जाएगा। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मॉनिटरिंग कमिटी का गठन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2021-22 के वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान ‘बैक टू वर्क’ योजना शुरू करने की घोषणा की थी।