राजस्थान GK (सामान्य ज्ञान) सम्बन्धी अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथ्य: आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के GK सम्बन्धी अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानेंगे। आज का हमारा यह आर्टिकल RPSC, RSMSSB, REET, SI, Rajasthan Police, एवं अन्य परीक्षाओं की दृष्टि से अतिमहत्वपुर्ण है। राजस्थान के GK सम्बन्धी अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथ्यों से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ दी गई है।
- राजस्थान दिवस – 30 मार्च
- राजस्थानी भाषा दिवस – 21 फरवरी
- राजस्थान का राज्य वृक्ष – खेजड़ी
- राजस्थान का राज्य पक्षी – गोडावण
- राजस्थान का राज्य पशु – चिंकारा (वन्य श्रेणी में रखा गया हैं)
- राजस्थान का राज्य पशु – ऊँट (पालतू पशु श्रेण में रखा जाएगा)
- राजस्थान का राज्य खेल – बास्केटबॉल
- राजस्थान का राज्य नृत्य – घूमर
- राजस्थान राज्य का राज्य पुष्प – रोहिड़ा
- राजस्थान राज्य का शास्त्रीय नृत्य – कत्थक
- राजस्थान राज्य का वाद्य यंत्र – अलगोजा
- राजस्थान का पूर्वी द्वार/प्रवेशद्वार – भरतपुर
- थार का प्रवेश द्वार/मरुप्रदेश – जोधपुर
- राजस्थान का सिंह द्वार – अलवर
- राजस्थान का ह्रदय /भारत का मक्का – अजमेर
- राजस्थान की सूर्य नगरी/ सनसिटी/ब्लू सिटी – जोधपुर
- राजस्थान का कश्मीर/झीलों की नगरी – उदयपुर
- फाउंटेन व मांउटेन का शहर – उदयपुर
- राजस्थान की जलमहलों की नगरी – डीग
- सुवर्णगिरि/ग्रेनाईट शहर/जाबालिपुर – जालौर
- बावड़ियों का शहर – बूंदी
- राजस्थान का रेड डायमंड सिटी – धौलपुर
- राजस्थान का कानपुर – कोटा
- राजस्थान का उद्योगो का शहर – कोटा
- राजस्थान की स्वर्ण नगरी – जैसलमेर
- राजस्थान की लता मंगेशकर – सीमा मिश्रा
- राजस्थान का स्कॉटलैंड – अलवर
- गुलाबी नगर/पिंकसिटी – जयपुर
- भारत का पेरिस – जयपुर
- नवाबों की नगरी – टोंक
- गलियों का शहर – जैसलमेर
- राजस्थान का धातु नगर – नागौर
- राजस्थान का राजकोट – लूणकरणसर
- पूर्व का वेनिस – उदयपुर
- सौ द्वीपों का शहर – बांसवाड़ा
- आदिवासियों का शहर – बांसवाड़ा
- राजस्थान का पंजाब – सांचौर (जालौर)
- राजस्थान का नागपुर – झालावाड़
- घंटियों का शहर – झालरापाटन
- पहाड़ों की नगरी – डूंगरपुर
- राजस्थान का मैनचेस्टर – भीलवाड़ा
- मिनी मैनचेस्टर – भिवाड़ी (अलवर)
- वस्त्र नगरी/ टैक्सटाईल सिटी – भीलवाड़ा
- कैमल मैन – अशोक टांक
- राजस्थान का सी.आर. दास – मुकुट बिहारी भार्गव
- आध्ुनिक भारत/राजस्थान का भागीरथ – महाराजा गंगासिंह
- दा साहब – हरिभाऊ उपाध्याय
- राजपूताने का अबुल फजल – मुहणौत नैणसी
- थार का घड़ा – चंदन नलकूप
- आदिवासियों की बाईजी – मंजू राजपाल
- आदिवासियों का मसीहा – भोगीलाल पाण्ड्या
- डिंगल भाषा का हौरस – पृथ्वीराज राठौड़
- राजस्थान की मोनालिसा – बणी-ठणी
- राजस्थान की कामधेनु – चम्बल नदी
- बांगड़ की गंगा/कांठल की गंगा – माही
- अर्जुन की गंगा – बाणगंगा
- रेगिस्तान का गुलाब – जैसलमेर
- राजस्थान का अंडमान – जैसलमेर
- राजस्थान का अन्नागार – श्रीगंगानगर
- आदिवासियों का कुम्भ – बेणेश्वर (डूंगरपुर)
- महान् भारतीय जल विभाजक रेखा – अरावली पर्वतमाला
- राजस्थान का विंडसर महल – राजमहल (फग्र्यूसन)
- मारवाड़ का लघु माउण्ट – पीपलूद (बाड़मेर)
- पंचम तीर्थ/तीर्थो का मामा/तीर्थराज – पुष्कर
- रेगिस्तान का सुन्दर मरु उद्यान – कोलायत झील
- मारवाड़ का अमृत सरोवर – जंवाई बाँध
- बाघों का घर – रणथम्भौर
- भारतीय मैरिनो – चोकला
- रेगिस्तान का कल्प वृक्ष – खेजड़ी
- राजस्थान का वैल्लोर – भैंसरोड़गढ़
- तीर्थो का भांजा – मचकुण्ड (धौलपुर)
- राजस्थान का गाँधी – गोकुल भाई भट्ट
- बांगड़ का गाँधी – भोगीलाल पाण्ड्या
- मारवाड़ का गाँधी – अशोक गहलोत
- राजस्थान की थर्मोपल्ली – हल्दीघाटी (कर्नल टॉड)
- कोंकण तीर्थ – पुष्कर
- राजस्थान का खेल नृत्य – नेजा नृत्य
- मेवाड़ की आँख – कटारगढ़
- अकबर का दौलतखाना – मैग्जीन दुर्ग (अजमेर)
- राजपूताने का भीष्म पितामह – कुँवर चूड़ा
- मारवाड़ का प्रताप – राव चन्द्रसेन
- मारवाड़ का भूला बिसरा – राजा राव चन्द्रसेन
- थार की वैष्णो देवी – तनोट माता
- राजस्थान की वैष्णो देवी – अर्बुदा देवी
- गाँधी के पांचवे पुत्र – जमनालाल बजाज
- नगाड़े का जादूगर – रामकिशन
- हिन्दुआ सूरज – सिसोदिया वंश
- राजस्थान के रेल वाले बाबा – किशनलाल सोनी
- राजस्थान के पटरी/पाटोली वाले बाबा – कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला
- राजस्थान के पानी वाले बाबा – राजेन्द्र सिंह
- राजस्थान के घोड़े वाले बाबा – कर्नल जेम्स टॉड
- राजस्थान के टाईगर मैन – कैलाश सांखला
- मरु कोकिला – गवरी देवी
- मांड गायिका – अल्लाह जिलाई बाई
- स्टील किंग – लक्ष्मी निवास मित्तल
- रेत का तीतर/ ग्रेट इण्डियन बस्टर्ड – गोडावण
- दक्खिन की चाबी – असीरगढ़ दुर्ग
- ताम्र नगरी – खेतड़ी (झुंझुनु)
- तिराहों का शहर – झालावाड़
- सहरिया जाति का कुंभ – सीताबाड़ी का मेला
- गणितज्ञ/ तर्कशक्ति का जादूगर – सर्वोत्तम सिंह भाटी
- हिन्दू देवी देवताओं का अजायबघर – विजय स्तंभ (चित्तौड़गढ़)
- चमत्कारिक विराट वस्तु – भाखड़ा नांगल बाँध
- लोकनाट्यों का मेंरु नाट्य – राई नृत्य
- मंदिरों की नगरी – पुष्कर
- राजपूताना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – जॉर्ज थामस (1800 ई.)
- राज्य की सबसे लंबी नदी – चम्बल
- पूर्णतः राजस्थान में बहने वाली लंबी नदी – बनास
- दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा – माही
- सर्वाधिक नदियों वाला संभाग – कोटा
- सबसे बड़ी पेयजल परियोजना – बीसलपुर
- राज्य की सबसे ऊँची झील – नक्की
- घड़ियालों की शरणस्थली – चम्बल
- खारे पानी की सबसे बड़ी झील – सांभर
- राजस्थान की मरुगंगा / जीवनरेखा – इंदिरा गाँधी नहर
- राजस्थान लोक सेवा आयोग – अजमेर
- राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड – अजमेर
- राजस्थान उच्च न्यायालय – जोधपुर
- राजस्थान उच्च न्यायालय खण्डपीठ – जयपुर
- राजस्थान राज्य राजस्व मण्डल – अजमेर
- केन्द्रीय भेड़ व ऊन अनुसंधान केन्द्र – अविकानगर (टोंक)
- केन्द्रीय उष्ट्र अनुसंधन केन्द्र – जोड़बीड़ (बीकोनर)
- प्रथम पवन ऊर्जा परियोजना – अमरसर जैसलमेर
- राज्य का एकमात्र पक्षी चिकित्सालय – जौहरी बाजार जयपुर
- राज्य का एकमात्र मत्स्य अभ्यारण्य -उदयपुर
- प्रथम सुपर थर्मल पावर प्लांट – सूरतगढ़
- प्रथम गैस आधरित विद्युत संयंत्र – अंता (बांरा)
- प्रथम गैस आधारित विद्युत परियोजना – रामगढ़ गैस परियोजना
- एकमात्र परमाणु विद्युत गृह -रावतभाटा
- प्रथम लिग्नाईट आधरित विद्युत गृह – गिरल बाड़मेर
- राज्य का प्रमुख उद्योग – सूती वस्त्र उद्योग
- राज्य का प्रथम शिल्पग्राम – हवाला गाँव, उदयपुर
- सबसे व्यस्त एन.एच. – एन.एच. 8
- राज्य का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा – सांगानेर
- रायसेम की स्थापना – 1994
- तिलम संघ की स्थापना – 1990
- देश की प्रथम रेल बस – इजरा
- राज्य का प्रथम हैरीटेज होटल – अजीत भवन
- राज्य की प्रथम सहकारी समिति भिनाय – ((अजमेर,1995)
- पंचायतीराज दिवस – 24 अप्रेल
- पन्ने की सबसे बड़ी मंडी – जयपुर
- राज्य का नवगठित जिला – प्रतापगढ़ (33वाँ जिला 26 जनवरी 2008)
- राज्य का नवीन संभाग – भरतपुर
- सर्वाधिक तहसीलों वाला – जिला जयपुर
- न्यूनतम तहसीलों वाला – जिला जैसलमेर
- सर्वाधिक नदियों वाला जिला – चित्तौड़गढ़
- सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला जिला – उदयपुर
- सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान – माउंट आबू
- सर्वाधिक वर्षा वाला जिला – झालावाड़
- न्यूनतम वर्षा वाला जिला – जैसलमेर
- न्यूनतम वर्षा वाला स्थान – समगाँव
- सर्वाधिक आर्द्र जिला – झालावाड़
- सर्वाधिक आर्द्र स्थान – माउंट आबू
- सर्वाधिक शुष्क स्थान – फलौदी (जोधपुर)
- सर्वाधिक दैनिक तापांतर वाला जिला – जैसलमेर
- सर्वाधिक वार्षिक तापांतर वाला जिला – चुरु
- राज्य का सबसे नजदीक बंदरगाह – कांडला
- सर्वाधिक व्यर्थ भूमि वाला जिला – जैसलमेर
- सर्वाधिक परती भूमि वाला जिला – जोधपुर
- सर्वाधिक लवणीय परती भूमि वाला जिला – पाली
- राजस्थान के चिल्ह का टोला – जयगढ़ दुर्ग
- राजस्थान की प्रहरी मीनार – एक थम्बा महल
- राजस्थान राज्य की आत्मा – घूमर नृत्य
- राजस्थान के समस्त किलों का सिरमौर – चित्तौड़ दुर्ग
- राजस्थान का इस्लामाबाद – तिमनगढ़ दुर्ग, करौली
- राज्य की सर्वोच्च चोटी – गुरुशिखर (1722 मी.)
- न्यूनतम वन क्षेत्र वाला – जिला चुरु
- सर्वाधिक आरक्षित वन वाला – जिला उदयपुर
- सर्वाधिक रक्षित वन वाला – जिला बाँरा
- सर्वाधिक अवर्गीकृत वन वाला – जिला बीकानेर
- विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला – खेजड़ली (जोधपुर)
- राज्य में मृगवन – 7
- राज्य में जंतुआलय – 4
- राज्य में आखेट निषिद्ध क्षेत्र – 33
- सबसे बड़ा आखेट निषिद्ध क्षेत्र – कोट संवत्सर कंजर्वेशन रिजर्व
- राज्य की प्रथम बाघ परियोजना – रणथम्भौर
- सर्वाधिक पशु वाला जिला – बाड़मेर
- राज्य विधानसभा सदस्य – 200
- राज्य में लोकसभा सदस्य – 25
- राज्य में राज्यसभा सदस्य – 10
- राज्य का विधानमंडल – एक सदनीय
- जांगल प्रदेश – बीकानेर व जोधपुर जिले (महाभारत काल में)। जांगल का अर्थ है जहाँ
- सामान्यतया आकाश साफ रहता हो और जहाँ जल और वनस्पति का अभाव हो तथा वृक्षों में खेजड़ी और केर का आधिक्य हो।
- नाली – घग्घर नदी के पाट।
- बग्गी – घग्घर नदी के मैदान को स्थानीय भाषा में बग्गी कहते है।
- अहिच्छत्रपुर – जांगल प्रदेश की राजधानी जो वर्तमान में नागौर है।
- जांगलधर बादशाह – बीकानेर के शासक का चिन्ह।
- सपादलक्ष – जांगलप्रदेश के आस-पास का भाग। चौहान वंश मारवाड, बीकानेर, दिल्ली,
- मेवाड़ शासित इस राज्य की राजधानी – शाकम्भरी (सांभर) थी।
- कुरू जांगला या माद्रेय जांगल – जांगल देश।
- मत्स्य देश – भूतपूर्व जयपुर राज्य, अलवर राज्य का कुछ भाग व भरतपुर राज्य, राजधानी- विराटनगर।
- ढूढ़ांड़ – भूतपूर्व जयपुर रियासत का अधिकांश भाग जिसमें जयपुर, पश्चिमी सवाईमाधोपुर तथा उत्तरी टोंक
- साल्व राज्य – अलवर राज्य, राजधनी-साल्वपुर (अलवर)
- शूरसेन राज्य – भरतपुर, धौलपुर व करौली राज्य तथा मथुरा के भू-भाग।
- शिवि – उदयपुर राज्य, राजधानी-मध्यमिका।
- मेरवाड़ – इसमें अजमेर जिले का अधिकांश भाग ब्यावर, दिवेर, राजसमंद और टॉडगढ़।
- मध्यमिका – नगरी जो चित्तौड से 11 किमी. उत्तर मे है।
- मेदपाट या प्राग्वाट – उदयपुर राज्य (मेव, मलेच्छ)।
- मारवाड़ – जोधपुर, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, पाली का क्षेत्र।
- वागड़/बागड/व्याघ्रघाट – वर्तमान डूँगरपुर, बाँसवाड़ा का क्षेत्र
- बांगर – वर्तमान सीकर, चुरु, झुंझुनु का क्षेत्र। बांगर का अर्थ है नदियों द्वारा उपजाऊ मिट्टी को बहाकर ले जाने पर बंजर हुआ क्षेत्र।
- गुर्जरत्रा – जोधपुर का दक्षिण भाग।
- राठ/अहीरवाटी – अलवर जिले का हरियाणा को स्पर्श करता हुआ मुण्डावर का क्षेत्र।
- हाड़ौती – कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़ का क्षेत्र।
- पीडमांट मैदान – अरावली श्रेणी में देवगढ के पास स्थित टीलानुमा उच्च भू-भाग।
- भाकर – पूर्वी सिरोही में अरावली का तीव्र ढाल वाला उबड़ खाबड़ क्षेत्र
- नाकोड़ा पर्वत – बाडमेर में सिवाना पर्वत क्षेत्र में स्थित गोलाकार पहाडियाँ
- मेवल – डूंगरपुर व बांसवाड़ा के मध्य भाग
- गोड़वाड़ – आहोर तहसील (जालौर) से लेकर नाली (पाली) तक का भाग
- तोरावाटी – कांतली नदी का प्रवाह क्षेत्र।
- सर्वाधिक व्यर्थ पठारी भूमि वाला जिला – राजसमन्द।
- सर्वाधिक बीहड़ भूमि वाला जिला – सवाई माधोपुर व करौली।
- हर्ष पर्वत – सीकर जिले में स्थित पहाड़ी।
- मालखेत पहाडी – सीकर जिले में स्थित पहाड़ी।
- सुंधा पर्वत – रानीवाडा, जालौर के पास स्थित पहाड़ियाँ
- बीजासन पहाडी – मांडलगढ़ भीलवाड़ा में स्थित पहाड़ी।
- तारागढ़ पहाड़ी – नाग पहाड़ अजमेर
- आड़ावाला पर्वत:- बूंदी जिले में स्थित
- त्रिकूट पहाड़ी – पहाड़ी जिस पर जैसलमेर किला स्थित है।
- मूढ़ोल (मण्डलद्) – देवलिया व मेवल के निकटवर्ती प्रदेश।
- ऊपरमाल – भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़) से लेकर बिजौलिया (भीलवाड़ा) तक के पठारी भाग
- देशहरो – उदयपुर में स्थित जरगा व रागा के पहाड़ी के मध्य भाग।
- गिर्वा – उदयपुर क आस-पास पहाड़ियों से घिरा हुआ क्षेत्र।
- यौद्धेय – गंगानगर व हनुमानगढ़ का क्षेत्र।
- श्रीमाल – भीनमाल, बाड़मेर का प्रदेश।
- कांठल – काँठ यानि किनारा तथा अल यानि आच्छादित अर्थात् माही नदी के किनारे स्थित प्रतापगढ़ जिले के भू-भाग।
- ब्रज प्रदेश – राज्य का पूर्व का क्षेत्र जो उत्तरप्रदेश के ब्रज क्षेत्र को स्पर्श करता है।
- डांग – धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली का क्षेत्र।
- सपाड़ – सवाई माधेपुर, करौली का वह क्षेत्र जो मध्यप्रदेश को स्पर्श करता है।
- चन्द्रावती – आबू के आस-पास के प्रदेश।
- खैराड़ – टोंक, बूंदी, भीलवाड़ा का स्पर्श करता क्षेत्र।
- अन्नत गोचर/अन्नत प्रदेश – सांभर से सीकर तक का प्रदेश।
- रुमा – प्राचीन ग्रंथों में सांभर झील व उसके आसपास के क्षेत्र।
- भोराठ – गोगुन्दा से कुम्भलगढ़ तक का क्षेत्र।
- श्वालक – नागौर जिले का क्षेत्र।
- परिपत्रा – पुराणों में अरावली पर्वतमाला को परिपत्रा कहा गया है।
- मछला मगरा – उदयपुर क्षेत्र के चारों और फैली मछली के आकार की पहाड़ियाँ।
- गिलहोट – जिस स्थान पर उदयपुर शहर बसा हुआ है, उसे उदयपुर की स्थापना से पूर्व गिहलोट के नाम से जाना जाता था।
- बरड़ – बूंदी जिले का पश्चिमी पथरीला क्षेत्र।
- अर्बुद प्रदेश – आबू का क्षेत्र।
- छप्पन का मैदान – माही बेसिन में छप्पन नदी नालों का क्षेत्र। इस क्षेत्र का मूल विस्तार प्रतापगढ़ व बाँसवाड़ा जिलों में है।
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