टोक्यो पैरालंपिक 2020: (Tokyo 2020 Summer Paralympic)

टोक्यो पैरालंपिक 2020(Tokyo 2020 Summer Paralympic): आज के आर्टिकल में हम टोक्यो पैरालंपिक 2020 के बारे में जानेंगे।

टोक्यो पैरालंपिक 2020-https://myrpsc.in

टोक्यो ओलंपिक का उद्घाटन जापान के सम्राट नारूहितो ने किया है । इस पैरालंपिक की मशालधारी शुनसुके उचिदा,करिन मोरिसाकी और यूई कामीजी है ।2021 में आयोजित हुआ टोक्यो पैरालंपिक 2020 का 16वां संस्करण आयोजित हुआ है ।अगला ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक 2024 में पेरिस (फ्रांस) में होगा ।टोक्यो 57 साल बाद दूसरी बार पैरालंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला पहला शहर बन गया है ।

भारत के पैरालंपिक खेलों के लिए थीम सॉन्ग ” कर दे कमाल तू ” लॉन्च किया है । दिव्यांग क्रिकेट प्लेयर संजीव सिंह ने इस गाने की रचना की और गाया है ।

प्रारम्भ:  24 अगस्त से 5 सितंबर 2021

शुभंकर:  Someity (SOMEITY नाम “Someiyoshino” से आता है – एक लोकप्रिय प्रकार का चेरी ब्लॉसम – और वाक्यांश “इतना शक्तिशाली”।)

  • पैरालंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में 24 अगस्त को गोला फेंक के एथलीट टेक चंद भारतीय ध्वजवाहक बने थे. उन्होंने ऊंची कूद में यहां रजत पदक जीतने वाले एथलीट मरियप्पन थांगवेलु की जगह ली थी जो टोक्यो की उड़ान के दौरान कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद पृथकवास में थे
  • निशानेबाज अवनि लेखरा (Avani Lekhara) टोक्यो पैरालंपिक के समापन समारोह के दौरान भारतीय दल की ध्वजवाहक रही।

भारत की ओर से 9 अलग अलग स्पोर्ट्स इवेंट्स में 54 पैरा-एथलीटों ने यहां हिस्सा लिया. पैरालंपिक खेलों में ये अब तक का भारत का सबसे बड़ा दल था.

भारत ने पैरालिंपिक में अपने अभियान की शुरुआत 27 अगस्त को तीरंदाजी इवेंट से किया ।

पैरालंपिक में भारत के इतिहास पर नजर डाली जाए तो भारत ने 1972 में पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लिया था, उसके बाद से पिछले चरण तक भारत की झोली में कुल मिलाकर 12 ही पदक थे.

इस से पहले भारत ने 2016 के रियो पैरालंपिक खेलों में दो गोल्ड मेडल समेत चार पदक अपने नाम किए थे.

टोक्‍यो में भारत ने 5 गोल्‍ड, 8 सिल्‍वर और 6 ब्रॉन्‍ज सहित कुल 19 मेडल जीते. पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत का यह अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन रहा. टोक्‍यो पैरालंपिक से पहले भारत के पास कुल 12 पैरालंपिक मेडल थे और अब भारत ने अकेले टोक्‍यो में ही इससे ज्‍यादा मेडल जीत लिए. यह संख्या बढ़कर 31 हो गई है।

  • भारत के डिस्कस थ्रो में विनोद कुमार ने कांस्य पदक जीता था, जिसे टोक्यो पैरालंपिक टेक्निकल डेलिगेट ने निरस्त कर दिया है. उन्होंने पैरालंपिक की पुरुषों की एफ52 स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल गंवा दिया है
  • ऑस्ट्रेलिया की पैगे ग्रीको ने टोक्यो पैरालंपिक में पहला गोल्ड मेडल जीता।

टोक्यो पैरालिंपिक 2021 हाइलाइट्स

  • चीन 96 स्वर्ण और कुल 207 पदकों के साथ लगातार पांचवें गेम में पदक तालिका में शीर्ष पर है।
  • ग्रेट ब्रिटेन पिछले छह खेलों में से पांचवीं बार 41 स्वर्ण और कुल 124 पदक के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका 37 स्वर्ण के साथ तीसरे स्थान पर रहा, 2008 के खेलों के बाद से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, और कुल 104 पदक।
  • रूसी पैरालंपिक समिति कुल 36 स्वर्ण और 118 कुल पदकों के साथ चौथे स्थान पर रही, कुल पदकों के आधार पर उन्हें तीसरे स्थान पर रखा गया।
  • भारत 5 स्वर्ण और कुल 19 पदकों के साथ पॉइंट टेबल में 24वें स्‍थान पर रहा।

टोक्यो पैरालिंपिक 2020 विजेताओं की सूची

न.देशगोल्डरजतकांस्यकुल पदक
1  चीन966051207
ग्रेट ब्रिटेन413845124
3.संयुक्त राज्य अमेरिका373631104
आरपीसी363349118
नीदरलैंड 25171759
24भारत58619
भारत का दमदार प्रदर्शन

इन पैरा-एथलीट ने जीता गोल्ड मेडल

  1. अवनि लेखरा (वुमेंस 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग स्टैंडिंग एसएच1)
  2. सुमित अंतिल (मेंस जेवलिन थ्रो एफ64)
  3. मनीष नरवाल (पी4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएच1)
  4. प्रमोद भगत (बैडमिंटन मेंस सिंगल्स एसएल3)
  5. कृष्णा नागर (बैडमिंटन मेंस सिंगल्स एसएच6)

अवनि लाखेरा

  • भारत के लिए सबसे पहला गोल्ड मेडल जयपुर निवासी अवनि लाखेरा ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच-1 के फाइनल में 249 पॉइंट्स स्कोर कर गोल्ड मेडल हासिल किया। ऐसा करने वाली वे पहली भारतीय महिला एथलीट हैं।

इन पैरा-एथलीट के नाम आया सिल्वर

  1. भाविनाबेन पटेल (वुमेंस सिंगल्स टेबल टेनिस – क्लास 4)
  2. निशाद कुमार (मेंस हाई जंप टी47)
  3. देवेंद्र झाझरिया (मेंस जेवलिन थ्रो एफ46)
  4. योगेश काथुनिया (मेंस डिस्कस थ्रो एफ56)
  5. सिंघराज अधाना (पी4 मिक्स्ड 50मीटर पिस्टल एसएच1)
  6. मरियप्पन थंगावेलु (मेंस हाई जंप टी63)
  7. प्रवीण कुमार (मेंस हाई जंप टी64)
  8. सुहास एल यतिराज (बैडमिंटन मेंस सिंगल्स एसएल4)

भाविनाबेन

  • भाविनाबेन ने पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश को पहला मेडल दिलवाया है. टोक्यो पैरालंपिक में ये भारत का पहला मेडल है।

देवेंद्र झाझरिया

  • भालाफेंक प्रतियोगिता में राजस्थान के देवेंद्र झाझरिया ने 64.35 मीटर दूर भाला फेंक कर सिल्वर मेडल जीता। झाझरिया इससे पूर्व पैरालंपिक में दो बार गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

भारत ने टोक्यो में जीते छह ब्रॉन्ज मेडल

  1. सुंदर सिंह गुर्जर (मेंस जेवलिन थ्रो एफ46) 64.1 मीटर
  2. सिंघराज अधाना (मेंस 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग एसएच1)
  3. शरद कुमार (मेंस हाई जंप टी63)
  4. अवनि लेखरा (वुमेंस 50मीटर राइफल 3 पोजिशन शूटिंग एसएच1)
  5. हरविंदर सिंह (मेंस इंडिविजुअल रिकर्व आर्चरी)
  6. मनोज सरकार (बैडमिंटन मेंस सिंगल्स एसएल3)
पैरालंपिक कि शुरुआत
रोम ओलंपिक (1960) वर्ष 1960 में रोम में पहले पैरालंपिक खेल हुए। इसमें सैनिकों के साथ ही आम लोग भी भाग ले सकते थे। पहले पैरालंपिक खेलों में 23 देशों के 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। शुरुआती पैरालंपिक खेलों में तैराकी को छोड़कर खिलाड़ी सिर्फ व्हीलचेयर के साथ ही भाग ले सकते थे लेकिन 1976 में दूसरे तरह के पैरा लोगों को भी पैरालंपिक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया। 1960 में रोम ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया। नियोरोलोजिस्ट डॉक्टर गुट्टमान 400 व्हीलचेयर लेकर ओलंपिक शहर में पहुंचे। जहां उन्होंने पैरा लोगों के लिए खेल का आयोजन किया। वहीं से शुरुआत हुई मॉर्डन पैरालंपिक खेलों की।
ब्रिटेन के मार्गेट माघन पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने। उन्होंने अर्चेरी इवेंट (तीरंदाज़ी) में गोल्ड मेडल जीता। अर्चेरी डॉक्टर गुट्टमान के ट्रीटमेंट का अहम हिस्सा था।
भारत ने तेल अवीव पैरालंपिक (1968) में पहली बार भाग लिया था. 1984 के पैरालंपिक से भारत इन खेलों में लगातार भाग लेता आया है

Note:  1972 के हैडिलवर्ग पैरालंपिक में मुरलीकांत पेटकर ने 50 मीटर फ्रीस्टाइल 3 तैराकी इवेंट में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था । इसके साथ ही पेटकर पैरालंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए थे ।

  • सुशील कुमार और पीवी सिंधु ही ऐसे भारतीय एथलीट हैं, जिन्होंने ओलंपिक में दो पदक जीते हैं ।
  • जोगिंदर सिंह बेदी पैरालंपिक में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं. जोगिंदर ने 1984 के पैरालंपिक (Stoke Mandeville/New York) में एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. उन्होंने शॉट पुट (सिल्वर), जैवलिन और डिस्कस थ्रो में यह कारनामा किया था ।

अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति

इसकी स्थापना पियरे डे कोबेर्टिन ने 23 जून 1894 को कि थी तथा यूनानी व्यापारी देमित्रिस विकेलस इसके प्रथम अध्यक्ष बने थे। वर्तमान समय में विश्व की कुल 205 राष्ट्रीय ओलम्पिक समितिया (एनओसी) इसकी सदस्य हैं।

मुख्यालय: लुसाने, स्विट्ज़रलैण्ड

23 जून को प्रति वर्ष ओलिंपिक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति दुनिया भर में आधुनिक ओलंपिक आंदोलन का सर्वोच्च शासी निकाय है। अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति हर चार साल मे ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल, शीतकालीन ओलम्पिक खेल और युवा ओलम्पिक खेल का आयोजन करता है। आईओसी द्वारा आयोजित पहला ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 1896 में यूनान के एथेंस व पहला शीतकालीन ओलंपिक 1924 में फ्रांस के चेमोनिक्स में आयोजित किया था। 1992 तक ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक दोनों एक ही वर्ष आयोजित किए जाते थे।

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