रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व (बूंदी)

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बूंदी: राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित रामगढ़ विषधारी अभयारण्य, पूर्वोत्तर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व को राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में स्थित मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से जोड़ेगा.

राजस्थान के रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य को चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में मंजूरी-https://myrpsc.in/

हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने राजस्थान के रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य (Ramgarh Vishdhari wildlife sanctuary) को बाघ अभयारण्य बनाने की मंज़ूरी दी है। इसके साथ ही रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य राजस्थान का चौथा टाइगर रिज़र्व/बाघ अभयारण्य बन जाएगा।

NTCA क्या है

  • NTCA का पूरा नाम है – राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ( National Tiger conservation authority ) |
  • एनटीसीए का गठन वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत किया गया | NTCA के अध्यक्ष भारत के पर्यावरण मंत्री होते हैं तथा पर्यावरण राज्यमंत्री इसके उपाध्यक्ष होते हैं | संसद के तीन सदस्य भी इसमें शामिल होते हैं | तथा अन्य सदस्य होते हैं |

यह भारत का 52वाँ टाइगर रिज़र्व होगा।

रामगढ़ विषधारी अभ्यारण राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित है | यह अभ्यारण रणथंभौर टाइगर रिजर्व और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के लिए टाइगर कॉरिडोर के बीच में पड़ता है और एक बफर जोन के रूप में काम करता है | इसे 1982 में बनाया गया था तथा यह 252.79 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है | यहां पर प्रमुख रूप से तेंदुआ, सांभर, जंगली सूअर, चिंकारा, भारतीय भेड़िया, सियार, लोमड़ी, लकड़बग्घा, आदि देखे जा सकते हैं |

अवस्थिति:

  • यह अभयारण्य राजस्थान के बूंदी ज़िले में रामगढ़ गाँव के निकट बूंदी शहर से 45 किमी. की दूरी पर बूंदी-नैनवा रोड पर स्थित है।

स्थापना:

इसे वर्ष 1982 में वन्यजीव अभयारण्यके रूप में अधिसूचित किया गया था और यह 252.79 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

बाघ अभयारण्य का क्षेत्रफल:

1,017 वर्ग किमी. के कुल क्षेत्र को आरक्षित क्षेत्र के रूप में चिह्नित गया है जिसमें भीलवाड़ा के दो वन ब्लॉक- बूंदी का क्षेत्रीय वन ब्लॉक और इंदरगढ़ शामिल हैं, जो रणथंभौर टाइगर रिज़र्व (RTR) के बफर ज़ोन के अंतर्गत आता है।

जैवविविधता:

इसकी वनस्पतियों में आम और बेर के कुछ वृक्षों के साथ-साथ ढोक, खैर, सालार, खिरनी के वृक्ष शामिल हैं।

यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख जंतु वर्ग में तेंदुआ, सांभर, जंगली सूअर, चिंकारा, स्लॉथ बियर, भारतीय भेड़िया, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, हिरण और मगरमच्छ जैसे पक्षी और जानवर शामिल हैं।

राजस्थान के अन्य तीन टाइगर रिज़र्व:

  • रणथंभौर टाइगर रिज़र्व (सवाई माधोपुर)
  • सरिस्का टाइगर रिज़र्व (अल्वर )
  • मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व (कोटा )
  • वर्ष, 2018 की टाइगर सेंसस/ गणना के अनुसार राजस्थान के इन तीन अन्य रिजर्व्स में 102 बाघ  हैं.
प्रोजेक्ट टाइगर
  • देश में बाघों की लगातार घटती आबादी तथा बाघों का संरक्षण करने के लिए सरकार ने 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” लांच किया जिसके तहत भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए |
  • राजस्थान के जोधपुर के कैलाश सांखला के नेतृत्व में पहली बार इंदिरा गांधी ने प्रोजेक्ट टाइगर नामक कार्यक्रम 1973 में शुरू किया, इसलिए कैलाश सांखला को टाइगर मैन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है |
  • 1973 में जब टाइगर प्रोजेक्ट टाइगर लांच किया गया तब पूरे भारत में 9 टाइगर रिजर्व घोषित किए गए | यह 9 टाइगर रिजर्व थे -मानस, पलामू, रणथंबोर, बांदीपुर, कान्हा, मेलघाट, जिम कार्बेट, सुंदरवन और सिमलीपाल|
टाइगर रिजर्व से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
वर्तमान में देश में कुल 54 टाइगर रिजर्व हैं |
देश का सबसे नवीनतम टाइगर रिजर्व राजस्थान राज्य के धौलपुर-करौली बाघ अभयारण्य को भारत का 54वां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया ।
बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है |
भारत का पहला बाघ रिजर्व जिम कार्बेट है, जिसे 1 अप्रैल 1973 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था हालांकि जिम कार्बेट को नेशनल पार्क का दर्जा 1936 में दिया गया था |
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व नागार्जुन सागर श्रीशैलम है |
क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा टाइगर रिजर्व पेंच (महाराष्ट्र) है |
विश्व में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित टाइगर रिजर्व नामदफा अरुणाचल प्रदेश में है |
देश के कुल 18 राज्यों में बाघ पाए जाते हैं
कैलाश सांखला को “टाइगर मैन ऑफ इंडिया” भी कहा जाता है |
विश्व में सबसे अधिक बाघ भारत में पाए जाते हैं |
2019 में आई बाघों पर रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2967 बाघ हैं |
भारत में सबसे अधिक 526 बाघ मध्यप्रदेश में पाए जाते हैं |
मध्य प्रदेश के बाद कर्नाटक में सबसे अधिक 524 बाघ पाए जाते हैं |
29 जुलाई को पूरे विश्व में विश्व बाघ दिवस के रुप में मनाया जाता है |

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