राजस्थान में रोप-वे (Rajasthan Rope Way) 2024: आज के आर्टिकल में हम राजस्थान में रोप-वे (Rajasthan Rope Way) के बारे में जानेंगे। आज का हमारा यह आर्टिकल RPSC, RSMSSB, Rajasthan Police, एवं अन्य परीक्षाओं की दृष्टि से अतिमहत्वपुर्ण है। राजस्थान में रोप-वे से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ दी गई है।
रोप वे (Rope Way)
रोप-वे किसे कहते हैं? पहले ऊँची-नीची पहाड़ी जगहों, बड़े-बड़े कल कारखानों आदि में एक स्थान से दूसरे स्थान तक सामान पहुँचाने (यात्री परिवहन के आने जाने ) के लिए बड़े-बड़े खंभों में रस्से बांधकर बनाया गया मार्ग रोप-वे कहलाता है।
आज के रोप-वे आधुनिक हो गए है और वह आरामदायक भी है। इनमे एक अंतहीन हवाई केबल जो एक स्थिर इंजन या इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा घुमाई जाती है, और इसका उपयोग माल या यात्री परिवहन के लिए किया जाता है।
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राजस्थान में रोप-वे (Rajasthan Rope Way) 2024: रोप-वे लोगों के लिए आकर्षण और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार प्रदान करेगा। दर्शन के लिए भक्तों को ऊंची पहाड़ी वाले मार्ग पर घंटों नहीं चलना पड़ेगा।
वर्तमान में राजस्थान में सात (7) रोप-वे है।
- सुंधा माता जालोर -लंबाई 800 मी.
- मंशापूर्ण करणीमाता उदयपुर – लंबाई 387 मी.
- सावित्री माता पुष्कर – लंबाई 700 मी.
- सामोद वीर हनुमान मंदिर चौमू (जयपुर) – 400 मी.
- खोले के हनुमान मंदिर – (जयपुर) 436 मीटर
- नीमच माता उदयपुर
- जीण माता, रेवासा (सीकर)
राजस्थान का पहला रोप-वे :
1. सुंधामाता जालोर (800 मी.)
सुन्धा(सुंडा) पर्वत भीनमाल (जालौर) जिले में चामुण्डा देवी का प्रसिद्ध मंदिर। जहां राजस्थान का प्रथम रोप वे 20 दिसम्बर, 2006 को प्रारंभ किया गया।
यह रोप वे सुंधा माता मंदिर के लिए शुरू किया गया है। सुंधा माता का मंदिर लगभग 800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है| सुंधा माता का मन्दिर लगभग 900 वर्ष के करीब पुराना है जो ऊँची पहाड़ी पर बसा है इसमें “माँ सुंधा” की मूर्ति स्थापित है।
NOTE: हाल ही में जयपुर शहर के खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर में प्रदेश का पहला स्वचालित रोप-वे बनाया जा रहा है। जो प्रदेश का पांचवां रोप-वे होगा।
दूसरा रोप-वे:
2. मंशापूर्ण करणीमाता उदयपुर (387 मी.)
राजस्थान का दूसरा रोप-वे मंशापूर्ण करणीमाता उदयपुर जिले में बनाया गया है| जिसकी लंबाई 387 मी. है। मंशापूर्ण करणी माता मंदिर उदयपुर शहर का प्रसिद्ध मंदिर है। दूध तलाई से करणी माता मंदिर जाने के दो तरीके हैं। पहला चेयर लिफ्ट से तो दूसरा ट्रैकिंग करते हुए पैदल पहुंचना। काफी श्रद्धालु पैदल भी करणी माता के मंदिर तक पहुंचते हैं। मंशापूर्ण करणी माता के लिए रोपवे की शुरुआत 2008 में की गई थी।
तीसरा रोप-वे:
3. सावित्री माता पुष्कर (700 मी.)
राजस्थान का तीसरा रोप-वे सावित्री माता पुष्कर, अजमेर जिले में बनाया गया है। जिसकी लंबाई 700 मी. है। यह राज्य का दूसरा बड़ा रोप वे संचालित है।
चौथा रोप-वे:
4. सामोद वीर हनुमान मंदिर चौमू (जयपुर)
राजस्थान का चौथा रोप-वे सामोद वीर हनुमान मंदिर चौमू (जयपुर) जिले में बनाया गया है| जिसकी लंबाई 400 मी. है|
सामोद वीर हनुमान मंदिर रोप-वे समोद के वीर धाम में 25 मई 2019 को शुरू किया गया है। जयपुर जिले के नांगल भरड़ा (तहसील चौमू) के समोद पर्वत पर वीर हनुमान धाम की खोल में 3 वर्ष पूर्व शुरू हुए रोप-वे प्रोजेक्ट को लेकर चल रही सभी अड़चने दूर होने के बाद विधिवत रूप से शुरू हो गया है।
सेंसर सिस्टम से ऑपरेटिंग
कोलकाता की केंयवेर ओर रोप-वे सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी ऑपरेटर प्रमोद कुमार ने बताया कि रोप-वे ऑटोमेटिक सेंसर सिस्टम से ऑपरेटिंग सिस्टम हैं। एक ट्रॉली में 9 यात्री बैठ सकेंगे 4 टॉवरों की मदद से 3 -3 ट्रॉलियों में 27 श्रदालू सवार हो सकेंगे। नीचे से मंदिर की 380 मीटर की दूरी हैं। 5.50करोड़ की लागत से बनाया गया है।
अब ऐसे श्रद्धालु जो पर्वत की 848 सीढ़ियां चढ़ने में असक्षम थे वे भी वीर हनुमानजी के आसानी से दर्शन कर सकेंगे। विदेशी पर्यटकों को भी आने जाने में सुविधा मिलेगी। इससे पर्यटक व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि वीर हनुमान मंदिर की रोप-वे सिस ग्रिप मोनो केबल रोप-वे है, जो कि अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है। यह राज्य का चौथा रोप वे है।
पांचवां रोप-वे:
- रोप-वे का नाम अन्नपूर्णा माता रोप-वे होगा जो कि प्रदेश का पांचवां और जयपुर जिले का सामोद हनुमानजी रोप-वे के बाद दूसरा रोप-वे होगा।
- अन्नपूर्णा माता मंदिर से खोले के हनुमान मंदिर की पहाड़ी पर स्थित वैष्णोमाता मंदिर तक 436 मीटर लंबा रोप-वे बनाया जा रहा है। जोकि जयपुर का सबसे बड़ा रोप वे होगा।
- पांच टावरों पर संचालित किये जाने वाले रोप वे की उंचाई 85 मीटर होगी। 24 ट्रॉली वाले इस रोप वे की क्षमता 800 यात्री प्रति घंटा होगी।
6. नीमच माता रोप-वे (उदयपुर)
- उद्घाटन: 22 जनवरी, 2024 को असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने किया।
- झीलों की नगरी उदयपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर जिला प्रशासन तथा उदयपुर विकास प्राधिकरण के तत्वावधान में नीमज माता पहाड़ी तक रोप-वे को स्थापित किया गया।
- यह प्रदेश का छठा और उदयपुर जिले का मंशापूर्ण करणीमाता रोप-वे के बाद दूसरा रोप-वे होगा।
राजस्थान का 7वां रॉप-वे
7. जीण माता, रेवासा (सीकर)
- शुरुआत – 10 April, 2024
- लंबाई – 500 मीटर
- लागत – 9 करोड़ रुपए
- शेखावाटी का पहला रोप-वे
- जीण माता मंदिर से लेकर काजल शिखर की पहाड़ी तक बनाया गया है।
- पहाड़ी तक आने-जाने के लिए टोटल 6 रोप-वे ट्रॉली शुरू किए गए हैं। एक बार में 36 व्यक्ति मंदिर से पहाड़ी तक जा और आ सकते हैं।
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महत्वपूर्ण प्रश्न
राजस्थान में कुल कितने रोप-वे हैं? – सात राजस्थान का प्रथम रोप-वे किस जिले में है? – जालोर राजस्थान का प्रथम रोप-वे कौनसा है? – सुंधा माता जालोर राजस्थान का सबसे बड़ा रोप-वे कौनसा है? – सुंधा माता जालोर (800 मी.) राजस्थान का दूसरा रोप-वे किस जिले में है? – उदयपुर राजस्थान का दूसरा बड़ा रोप-वे कौनसा है? – सावित्री माता पुष्कर (700 मी.) राजस्थान का नवीनतम रोप-वे कौनसा है? -जीण माता, रेवासा (सीकर) राजस्थान का दूसरा रोप-वे कौनसा है? – मंशापूर्ण करणीमाता |
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