राजस्थान के लोक देवता पाबूजी के संदर्भ में कौन सा कथन सही नहीं है?

[A] उनका जन्म खाली खबर के जूना गाँव में हुआ था। [B] उनकी माता का नाम अप्सरा था। [C] पाबूजी को घोड़ों के देवता के रूप में पूजा जाता है। [D] उनकी पूजा का मुख्य स्थान कोलू (फलोदी) में है। Answer: C लोक देवता पाबूजी को ऊंटों के देवता के रूप में पूजा जाता है। … Read more

मारवाड़ चित्रकला शैली की ठिकाणा कला के अंतर्गत निम्न में से क्या सम्मिलित नहीं है?

[A] घाणेराव [B] रियाँ [C] भिणाय [D] बनेड़ा Answer: D राजस्थानी चित्रकला की मारवाड़ चित्र शैली में अनेक उप शैलियों का विकास व विस्तार हुआ। इनका विस्तार न केवल जोधपुर, बीकानेर, किशनगढ़, नागौर जैसे बड़े क्षेत्रों में हुआ बल्कि इस क्षेत्र के विभिन्न सामंतों, ठिकानों जैसे कि घाणेराव, कुचामन, मेड़ता, पाली, देसूरी, सांभर, जैसलमेर, लाडनूं, … Read more

निम्नलिखित में से कौन सी राजस्थान की लोक कला नहीं है?

[A] फड़ [B] सांझी [C] मांडणा [D] हाड़ौती Answer: D हाड़ौती राजस्थान की लोक कला नहीं है। राजस्थान की प्रमुख लोककलाएं पाने, फड़, कावड़, मेहंदी, गोदना, कोठियां, वील, कठपुतली

सांझी का संबंध किस देवी से है?

[A] सीता [B] दुर्गा [C] ऊषा [D] पार्वती Answer: D सांझी को माता पार्वती का रूप मान कर अच्छे वर, घर की कामना के लिए कन्याएं पूजन करती हैं। राजस्थान की प्रमुख लोककलाएं सांझी कला ** सांझी दशहरे से पूर्व श्राद्ध पक्ष में बनाई जाती है। कुंवारी कन्याएं सफेदी पुती दीवारों पर पन्द्रह दिन लगातार … Read more

चौरपंचाशिका ग्रंथ किस चित्र शैली से संबंधित है?

[A] मेवाड़ [B] किशनगढ़ [C] बीकानेर [D] मारवाड़ Answer: A चौरपंचाशिका ग्रंथ मेवाड़ चित्र शैली से संबंधित हैं। चौरपंचाशिका ग्रंथ में 50 श्लोक हैं। अतः इसे पंचाशिका कहा गया। इसमें गुप्त प्रेम का वर्णन है। या यूं कहें छुप-छुप कर, चोरी-चोरी से प्रेम करने की कथा-व्यथा इस पुस्तक में बड़े ही मार्मिक भाव से वर्णित … Read more

राजस्थान के उदयपुर क्षेत्र में कौन-सा लोक नृत्य अधिक प्रसिद्ध है?

[A] ढोल नृत्य [B] कालबेलिया [C] भवाई [D] बमरसिया Answer: C राजस्थान के उदयपुर क्षेत्र में भवाई नृत्य अधिक प्रसिद्ध है। भवाई नृत्य एक कलात्मक लोक नृत्य है जो कुशल नर्तकियों द्वारा किया जाता है। भवाई नृत्य में कई मिट्टी के बर्तन को सर पर रख कर नृत्य किया जाता हैं।

बसलोचित्रण, योगासन व कामशास्त्र पर चित्र किस शैली में बनाए गए?

[A] अलवर शैली [B] नागौर शैली [C] बीकानेरी शैली [D] जयपुर शैली Answer: A योगासन, बसलोचित्रण (बार्डर पर सुक्ष्म चित्रण) व कामशास्त्र पर चित्र अलवर शैली में बनाए गए है। राव विनय सिंह का समय अलवर चित्रकला का स्वर्ण काल था। वेश्याओं के चित्र केवल अलवर शैली में ही बने हैं।

चांदनी रात की संगोष्ठी किस चित्रकला शैली का चित्र है?

[A] आमेर शैली [B] बूंदी शैली [C] देवगढ़ शैली [D] किशनगढ़ शैली Answer: D चाँदनी रात की संगोष्ठी चित्र सावंत सिंह के काल में चित्रकार अमरचंद द्वारा बनाया गया था। किशनगढ़ शैली को प्रकाश में लाने का श्रेय एरिक डिक्सन व डॉ. फैयाज अली को जाता है।  किशनगढ़ शैली में कलाकार मोरध्वज निहालचन्द ने बणी-ठणी को … Read more