राजस्थान में प्रमुख लोहा उत्पादक क्षेत्र: राजस्थान में मुख्यत हैमेटाइट व लिमोनाइट किस्म का लौह अयस्क प्राप्त होता है। भीलवाड़ा जिले के तिरंगा क्षेत्र में लौह का उत्पादन होता है। यह अयस्क जलज एवं आग्नेय चट्टानों से प्राप्त होता है।
लौहे के मुख्य अयस्क
- मैग्नेटाइट अयस्क – लोहे की मात्रा 72 प्रतिशत तक
- हेमेटाइट अयस्क – लोहे की मात्रा 60 से 70 प्रतिशत राजस्थान में हेमेटाइट किस्म का लोहा प्राप्त होता है।
- लिमोनाइट अयस्क – लोहे की मात्रा 30 से 60 प्रतिशत
- सिडेराइट अयस्क – लोहे की मात्रा 10 से 48 प्रतिशत
राजस्थान में प्रमुख लोहा उत्पादक क्षेत्र
क्र. सं. | जिला | स्थान |
1. | जयपुर(सर्वाधिक भण्डार) | मोरीजा बानोल क्षेत्र |
2. | उदयपुर | नाथरा की पाल, थुर-हुण्डेर |
3. | अलवर | राजगढ़, पुरवा |
4. | दौसा | नीमला राइसेला क्षेत्र |
5. | झुंझुनू | डाबला-सिंघाना |
6. | सीकर | नीम का थाना |
7. | भीलवाड़ा | तिरंगा क्षेत्र |
राजस्थान में सर्वाधिक हेमेटाइट किस्म का लोहा पाया जाता है।
राजस्थान में सर्वाधिक लोहा जयपुर जिले से जबकि सर्वाधिक कच्चा लोहा कानपुरा से निकलता है।