राजस्थान के करौली जिले के कैला देवी शक्तिपीठ में लक्खी मेला शुरू हो गया है। यह मेला 19 मार्च से 4 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। इसे कैलादेवी चैत्र मेला के नाम से भी जाना जाता है।
चैत्र बादी के 12वें दिन से शुरू होकर यह मेला पंद्रह दिनों तक चलता है। इस मेले में 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। अन्य समुदायों के लोगों के भी शामिल होने के कारण इस मेले को महत्वपूर्ण माना जाता है।
इसमें शिल्प कौशल, हस्तशिल्प, धातु उत्पाद, आदिवासी टोपी, चांदी के आभूषण, कांच के काम, हाथ से बुने और कढ़ाई वाले कपड़े आदि शामिल हैं। मेले में सांस्कृतिक और कुश्ती के कार्यक्रम भी होते हैं।
कैला देवी मंदिर
- यह मंदिर राजस्थान के करौली जिले में त्रिकुटा पर्वत श्रृंखला के मध्य में स्थित है। इस मंदिर का इतिहास करीब एक हजार साल पुराना है।
- धर्म ग्रंथों के अनुसार माता सती के अंग जहां-जहां गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ की उत्पत्ति हुई। उन्हीं शक्तिपीठों में से एक है शक्तिपीठ कैलादेवी। कहा जाता है कि बाबा केदागिरी ने तपस्या के बाद माता के श्रीमुख को इस शक्तिपीठ के रूप में स्थापित किया था।
- मां कैलादेवी की मुख्य मूर्ति के साथ मां चामुंडा की मूर्ति भी मौजूद है।