(A) दौसा
(B) भीलवाड़ा
(C) सीकर
(D) राजसमन्द
Answer: C
अन्य नाम – माक्षिक या मूर्खों का सोना (fool’s gold)
इसमें लौह की मात्रा 46.6 प्रतिशत होती है। लौह खनिज होते हुए भी पाइराइट का उपयोग लौह उद्योग में नहीं होता, क्योंकि इसमें विद्यमान गंधक की मात्रा लोहे के लिए हानिकारक होती है। पाइराइट का महत्व इस खनिज से उपलब्ध गंध के कारण है। गंधक से गंधक का अम्ल तैयार किया जाता है, जो वर्तमान युग के उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण रसायन है।
राजस्थान में पाइराइट्स के लिए सलादिपुरा,सीकर प्रसिद्ध है। राजस्थान के सीकर जिले में इसके सर्वाधिक भण्डार है।
NOTE: खनिज भण्डारों की दृष्टि से राजस्थान का देश में झारखण्ड के बाद दुसरा स्थान है।
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