हवामहल के बारे में  जानकारी

हवामहल के बारे में  जानकारी: हवामहल का अर्थ है हवा का महल। हवामहल में 953 झरोखेदार खिड़कियां हैं। इन खिड़कियों में से बहती हवा महल के भीतर आकर वातानुकूलन का कार्य करती है। सैकड़ों खिडकियों में से हवा के प्रवाह के कारण ही इस महल को ‘हवामहल’ कहा गया। दुनियाभर में इस इमारत को ‘पैलेस ऑफ विंड्स’ के नाम से जाना जाता है।

हवामहल के बारे में  जानकारी-https://myrpsc.in

हवा महल का नाम हवा महल क्यों पड़ा?
हवामहल का दूसरा नाम क्या है?
जयपुर का हवा महल किसने बनवाया?
हवा महल में कितनी खिड़किया है?
हवा महल की पहली मंजिल का नाम क्या था?

दुनिया भर में हवामहल गुलाबी शहर की पहचान के रूप में विख्यात है। बड़ी चौपड़ से कुछ ही कदम चांदी की टकसाल की ओर चलने पर बांयी ओर खड़ी यही भव्य इमारत मुकुट की डिजाइन में बनी हुई है। जयपुर अपने महलों, किलों और पुराने शहर की नियोजित बसावट के कारण दुनियाभर में मशहूर है। दुनियाभर में इस इमारत को ‘पैलेस ऑफ विंड्स’ के नाम से जाना जाता है।

प्रमुख बिंदु

  • हवा महल में कुल 953 खिड़कियां स्थित है
  • सवाई प्रताप सिंह के द्वारा 1799 में हवामहल का निर्माण करवाया गया था एवं लालचंद उस्ता इसके वास्तुकार हैं
  • महाराजा सवाई प्रताप सिंह कृष्णभक्त थे। इसीलिए उन्होंने इस इमारत का निर्माण भगवान कृष्ण के मुकुट के आकार के रूप् में ही कराया।
  • हवा महल के कुल पांच मंजिला इमारत हैं जिसमें से पहली मंजिल को शरद मंदिर दूसरी को रतन मंदिर तीसरी को विचित्र मंदिर चौथी को प्रकाश मंदिर एवं पांचवी को हवामहल कहा जाता है

हवा महल का इतिहास

  • हवा महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने सन् 1799 में कराया था। वह राजस्थान के झुंझनू शहर में महाराजा भूपाल सिंह द्वारा निर्मित खेतड़ी महल से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने हवा महल का निर्माण कराया।

इस भव्य इमारत के निर्माण के पीछे निवास में रहने वाली शाही महिलाओं के लिए बाजार और चौपड़ की रौनक, तीज व गणगौर की सवारी और मेले, शाही सवारियां, जुलूस और उत्सव आदि देखने की व्यवस्था करना था।

यह भव्य इमारत लाल और गुलाबी बलुआ पत्थरों से बनी है और अपने आधार से इसकी उंचाई पचास फीट है। हवामहल की स्थापत्य शैली भी राजपूत और मुगल शैलियों का बेजोड़ नमूना है।

यह खबर भी पढ़ें: जवाहर कला केन्द्र

NOTE: विश्व पर्यटन दिवस प्रतिवर्ष 27 सितंबर को मनाया जाता है इस वर्ष केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने हवा महल जयपुर को स्वच्छता एवं बेहतर प्रबंधन के लिए पुरस्कृत किया है।

हवामहल संक्षिप्त सारणी

  महल का नाम   हवामहल
  निर्मार्ता   महाराजा सवाई प्रताप सिंह
  निर्माण सम्पन्न   सन 1799
  वास्तुकार   लाल चंद उस्ताद
  वास्तुकला शैली   राजस्थानी वास्तुकला एवं मुगल स्थापत्य का मिश्रण
  हवा महल के झरोखे   953 झरोखें
पांच मंजिलपहली मंजिल शरद मंदिर, दूसरी रतन मंदिर, तीसरी विचित्र मंदिर, चौथी प्रकाश मंदिर एवं पांचवी हवामहल  

FAQ

हवामहल का दूसरा नाम क्या है?

दुनियाभर में इस इमारत को ‘पैलेस ऑफ विंड्स’ के नाम से जाना जाता है।

हवा महल की पहली मंजिल का नाम क्या था?

हवा महल की पहली मंजिल को शरद मंदिर के नाम से जाना जाता है।

जयपुर का हवा महल किसने बनवाया?

सवाई प्रताप सिंह के द्वारा 1799 में हवामहल का निर्माण करवाया गया था।

हवा महल क्यों नाम पड़ा?

हवा महल का नाम यहां की 5 वीं मंजिल के नाम पर रखा गया है, क्योंकि 5 वीं मंजिल को हवा मंदिर के नाम से जाना जाता है, इसलिए इसका नाम हवा महल रखा गया।

हवा महल में कितनी खिड़किया है?

जयपुर के हवा महल में 953 खिड़कियां और छोटे-छोटे झरोखे हैं।

Leave a Comment

x