राजस्थान के जिले और उनके शुभंकर: वन्यजीव संरक्षण की दिशा में लोगों में जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य के वन विभाग ने हर जिले के लिए एक वन्यजीव को शुभंकर घोषित किया है।
राजस्थानके वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी सूचना है। राज्य की 33 प्रजातियों को बचाने के लिए एक नायाब पहल की है। हर जिले को अब किसी वन्यजीव (पशु या पक्षी) के नाम से जाना जाएगा।
हर जिले की यह जिम्मेदारी होगी कि वह अपने जिला स्तरीय वन्यजीव को बचाने और संरक्षित करने की दिशा में काम करें।
राजस्थान ऐसा पहला राज्य होगा, जिसने वन्यजीवों के अनुसार जिलों का शुभंकर तय किया गया है।
अभी तक प्रदेश स्तर पर राज्य पशु या पक्षी के नाम तय किए जाते थे। उसे संरक्षण करने की दिशा में सरकारें काम करती थी।
राजस्थान के सभी 33 जिलों के जिला शुभंकर :-
क्र. सं. | जिला | जिला शुभंकर |
1 | अजमेर | खरमोर |
2 | अलवर | सांभर |
3 | बांरा | मगरमच्छ |
4 | बांसवाड़ा | जल पीपी |
5 | बाड़मेर | मरू लोमड़ी/लोकी |
6 | भरतपुर | सारस |
7 | भीलवाड़ा | मोर |
8 | बीकानेर | भट्टतीतर |
9 | बूंदी | सुर्खाब |
10 | चित्तौड़गढ़ | चौसिंगा |
11 | चूरू | कृष्ण मृग |
12 | दौसा | खरगोश |
13 | धौलपुर | पचीरा (इण्डियन स्क्रीमर) |
14 | डूंगरपुर | जांघिल |
15 | हनुमानगढ़ | छोटा किलकिला |
16 | जयपुर | चीतल |
17 | जैसलमेर | गोडावण |
18 | जालोर | भालू |
19 | झालावाड़ | गागरोनी तोता |
20 | झुंझुनं | काला तीतर |
21 | जोधपुर | कुरंजा |
22 | करौली | घडिय़ाल |
23 | कोटा | उदबिलाव |
24 | नागौर | राजहंस |
25 | पाली | तेन्दुआ |
26 | प्रतापगढ़ | उड़न गिलहरी |
27 | राजसमंद | भेडिय़ा |
28 | सवाईमाधोपुर | बाघ |
29 | श्रीगंगानगर | चिंकारा |
30 | सिरोही | जंगली मुर्गी |
31 | सीकर | शाहीन |
32 | टोंक | हंस |
33 | उदयपुर | कब्र बिज्जू |