
कजली पेंटिंग
काजल से बनाए जाने के कारण इस चित्रकला शैली को कजली कहा जाता है। इसमें चित्र बनाने में ब्रश का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि इसे हाथ और कपड़े के माध्यम से बनाया जाता है।
- यह राजस्थान से उत्पन्न चित्रकला का एक प्राचीन रूप है। यह कला राज्य के पूर्वी भाग में अधिक प्रमुख है ।
- तेल के दीपक जलाने से प्राप्त कार्बन ब्लैक को कागज के टुकड़े का उपयोग करके कागज या कपड़े पर फैलाया जाता है।
- ‘काजली’ शब्द ‘काजल’ से बना है जिसका अर्थ कार्बन ब्लैक होता है।
- कार्बन ब्लैक द्वारा प्रदान किए गए ग्रे रंग के अलावा, कजली पेंटिंग में रंगों के किसी अन्य शेड को शामिल नहीं किया जाता है।
- इस शैली के लिए कागज को क्रीम बेस के साथ लेमिनेट किया जाता है ताकि रंग बेहतर तरीके से अवशोषित हो सके।
Q. राजस्थान की निम्नलिखित में से किस चित्रकला शैली में ब्रश का उपयोग नहीं किया जाता है, केवल हाथ और कपड़े का उपयोग होता है?
(A) मिनिएचर पेंटिंग
(B) फड पेंटिंग
(C) कजली पॉटिंग
(D) किशनगढ़ पेंटिंग
Answer: C