[A] समावर्तन
[B] चूड़ाकर्म
[C] उपनयन
[D] विद्यारम्भ
Answer: C
उपनयन संस्कार के पश्चात् ब्रह्मर्चाश्रम की शुरूआत होती है।
उपनयन संस्कार
- उपनयन संस्कार द्वारा बालक को शिक्षा के लिए गुरु के पास ले जाया जाता था।
- ब्रह्मचर्याश्रम इसी संस्कार से प्रारम्भ होता था। इसे ‘यज्ञोपवीत संस्कार’ भी कहते थे।
- ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्यों को ही उपनयन का अधिकार था।
- इस दिन बालक जनेऊ धारण करता है। जनेऊ धारण करने का उत्तम दिन रक्षाबन्धन की माना जाता है।