Which genre of Rajasthani literature is just like telling and listening to a story?
[A] झमाल
[B] वात
[C] पर्ची
(D) विगत
Answer: B
राजस्थानी साहित्य की वात विधा में कहानी कही और सुनी जाती है।
‘वात’ शब्द में कहानी के अंतर्गत वर्णन की जाने वाली संपूर्ण रोचकता कहने वालों की दक्षता और सुनने वालों के जिज्ञासा पूर्ण आग्रह का एक मिश्रित भाव चिह्नित है।
- राजस्थानी साहित्य में मोटे तौर पर दो प्रकार की वातें मिलती हैं। एक तो वह वातें जिनका लिपिबद्ध स्वरूप बन गया है और जिन की भाषा शैली में स्थायी विशिष्टता प्रकट होती है।
- दूसरे वर्ग के अंतर्गत वह वातें आती हैं जिनका कोई एक शैलीगत रूप लिपिबद्ध नहीं हो सका, लेकिन वह अभी तक लोगों की ज़बान पर ही हैं। इस दूसरे प्रकार की वातों को लोक कथाओं के नाम से पुकारा जाता है।