राजस्थान में जल संरक्षण की परंपरागत विधि कौन-सी नहीं है?

[A] टोबा

[B] नाली

[C] नाड़ी

[D] जोहड़

Answer: B

राजस्थान में नाली जल संरक्षण की पारंपरिक विधि नहीं है।

Explanation:

  • नाली: जल बहने का पतला मार्ग (इसे आमतौर पर गंदे नाले के पानी के लिए जल मार्ग के रूप में जाना जाता है।)
  • नाड़ी:  जल प्रबंधन की यह विधि पश्चिम राजस्थान विशेष रूप से जोधपुर में प्रचलित हैं। नाड़ी जमीन पर बना एक गड्ढा होता है जिसमें वर्षा जल संगृहीत होता है इस जल को पालर पानी कहा जाता है।
  • टोबा: जल प्रबन्धन की इस विधि में आकृति नाडी के समान होती है। किन्तु गहराई व अगोरा उससे अधिक होती है। सघन संरचना वाली भूमि जिसमे पानी का रिसाव कम होता है उसे टोबा निर्माण के लिए उपयुक्त माना जाता है |
  • जोहड़: ऐसा छोटा तालाब या पोखर होता है, जिसमें कई तरह के उपयोग के लिए जल एकत्रित किया जाता है। बारिश के मौसम में इसमें जल भर जाता है और फिर इसका प्रयोग मानवों व पशुओं के लिए किया जाता है।

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