भारत में पहली बार भ्रूण प्रत्यारोपण से जन्मी घोड़ी, नाम रखा ‘राज हिमानी’

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भारत में पहली बार भ्रूण प्रत्यारोपण से जन्मी घोड़ी, नाम रखा ‘राज हिमानी’

भारत में पहली बार भ्रूण प्रत्यारोपण से जन्मी घोड़ी, नाम रखा ‘राज हिमानी’

राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र बीकानेर के वैज्ञानिकों ने भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक एवं फ्रोजन सीमन (हिमीकृत वीर्य) का प्रयोग करते हुए भारत में पहली बार घोड़ी का बच्चा पैदा करने में सफलता अर्जित की है।

☛ हिमीकृत वीर्य से पैदा होने के कारण वैज्ञानिकों ने इसका नाम ‘राज हिमानी’ रखा है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस तकनीक से आम अश्व पालक को लाभ होगा एवं उच्च गुणवत्ता के अश्वों को पैदा करने में मदद मिलेगी।

☛ वैज्ञानिकों के सफल प्रयोग पर केंद्र के निदेशक डॉ टी के भट्टाचार्य कहते हैं, “भारत मे अश्व संख्या तीव्र गति से गिर रही है। इसके मुख्य कारणों में से एक बांझपन और बच्चा पैदा करने में असक्षम घोड़ियां भी है। यह तकनीक ऐसे जानवरों से बच्चा लेने में लाभदायक सिद्ध हो सकेगी और बढ़िया नस्ल के जानवरों से अधिक संख्या में बच्चे प्राप्त करने में कारगर होगी।”

☛ यह प्रयोग राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत परियोजना में किया गया। जिसके प्रधान अन्वेषक डॉ. टी आर.तालुरी रहे। इसमें केंद्र के डॉ. यशपाल, डॉ. आर.ए. लेघा, डॉ. रमेश देदर, डॉ एस. सी. मेहता, डॉ. जितन्द्र सिंह एवं डॉ सज्जन कुमार का सहयोग रहा।

☛ इस टीम ने अब तक 18 मारवाड़ी घोड़ियों का भ्रूण विट्रीफाई करने में सफलता प्राप्त की है। इनसे सफल गर्भधान एवं बच्चा पैदा करने पर अनुसंधान जारी है।

NOTE: इससे पहले 19 मई 2023 को एक सरोगेट माँ को एक ब्लास्टोसिस्ट-स्टेज भ्रूण के ट्रांसफर से 23.0 किलो के मादा घोड़े का जन्म हुआ है। नवज़ात घोड़े का नाम ‘राज-प्रथमा‘ रखा गया था।

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