भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जोधपुर ने अमोनिया निर्माण के लिए कार्बन डाई ऑक्साइड मुक्त विधि तैयार की है। इस विधि में नाइट्रोजन अपचयन प्रक्रिया (एनआरआर) के दौरान लोहा और मैंग्नीज का उपयोग बतौर उत्प्रेरक होगा।
प्रमुख बिंदु
- जोधपुर के धातुकर्म व सामग्री अभियांत्रिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमिताव बनर्जी ने यह विधि तैयार की है। नाइट्रोजन व हाइड्रोजन से अमोनिया बनाने में 50 से 70 तरह की अभिक्रियाएं होती हैं।
- इससे कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन नहीं के बराबर होगा। वर्तमान में पूरी दुनिया में यूरिया उर्वरक के लिए अमोनिया निर्माण हेबर बोस विधि से होता है जो 1909 में खोजी गई थी।
- इस विधि में कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन बहुत होता है। विश्व में करीब 3 प्रतिशत कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन के लिए अमोनिया उत्पादन विधि जिम्मेदार है। आईआईटी की नई विधि से हर साल 42 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड का वातावरण में उत्सर्जन रोका जा सकेगा।
- हेबर विधि से अमोनिया निर्माण में उच्च ताप और उच्च दाब चाहिए होता है, जिससे पूरी दुनिया की 2 प्रतिशत ऊर्जा की खपत इसमें होती है। इस विधि में डिस्टल व अल्टर केवल दो प्रोसेस होते हैं।