डोल मेला (बारां): डोल मेला हाड़ौती क्षेत्र का प्रसिद्ध मेला हैं। यह मेला साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है और राजस्थान राज्य के प्रमुख मेलों में से एक है।
हाड़ौती का प्रसिद्ध डोल मेला
डोल मेले का आयोजन: जलझूलनी एकादशी (भाद्रपद शुक्ला 11) से बारां शहर के डोल तालाब पर डोल मेला का आयोजन किया जाता है। डोल मेले को ‘श्री जी का मेला‘ भी कहते हैं।
- डोल मेले का मुख्य आकर्षण एक बड़ी शोभा यात्रा (जुलूस) है जिसमें लगभग 54 देव विमान (पवित्र प्रतिमा वाहक) होते हैं। इस जुलूस को डोल के नाम से भी जाना जाता है और यह जुलूस शहर के सभी प्रमुख मंदिरों के चारों ओर घूमता है।
- इस जुलूस में कुछ अखाड़े अपने करतब (शारीरिक व्यायाम का एक प्रकार) का प्रदर्शन भी करते हैं। जुलूस श्रीजी मंदिर से शुरू होकर डोल तालाब तक आता है जहां सभी देव विमानों की पूजा की जाती है और फिर इन्हें संबंधित मंदिरों में वापस भेज दिया जाता है।
- डोल मेला 15 दिनों के लिए आयोजित किया जाता है और यह स्थानीय निवासियों के साथ-साथ पूरे राजस्थान के निवासियों के बीच बहुत लोकप्रिय है। मेले में निकटवर्ती मध्य प्रदेश से भी लोग आते हैं।
FAQs
डोल मेला राजस्थान में कहां भरता है?
डोल मेला राजस्थान के बारां जिले में भरता है। डोल मेले का आयोजन जलझूलनी एकादशी (भाद्रपद शुक्ला 11) को किया जाता है।