कोटा में 1442 करोड़ की लागत से बना चंबल रिवर फ्रंट

चंबल रिवर फ्रंट कोटा-https://myrpsc.in

कोटा में 1442 करोड़ की लागत से बना चंबल रिवर फ्रंट

चंबल रिवर फ्रंट: कोटा में 1442 करोड़ से निर्मित भारत का प्रथम हैरिटेज ‘चंबल रिवर फ्रंट’ का उद्घाटन 12 Sep 2023 को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने किया।

कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक 2.75 किमी की लंबाई में चंबल नदी के दोनों तटों पर 1442 करोड़ रुपए की लागत से चंबल रिवर फ्रंट को विकसित किया गया है।

चंबल रिवर फ्रंट का प्रमोशन करने के लिए यूआईटी ने दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह को 1 साल के लिए ब्रैंड एंबेसडर भी बनाया है।

चंबल रिवर फ्रंट परियोजना कोटा शहर में पर्यटकों को आकर्षित करेगी। इससे कोटा शहर में रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध होंगे तथा कोटा की अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा।

वसुधैव कुटुंबकम थीम पर तैयार हुए इस चंबल रिवर फ्रंट में 27 घाट है।

चंबल रिवर फ्रंट के मुख्य आकर्षण घाट

फव्वारा घाट– इसमें विश्व स्तरीय लाइनर फाउंटेन शो को विकसित किया गया है। फसाड में व्यावसायिक दुकानों एवं फूड कोर्ट का निर्माण किया गया है।

साहित्य घाट– साहित्य घाट में बांसवाड़ा मार्बल से खूबसूरत विशाल खुली किताब एवं पुस्तक महल का निर्माण किया गया है। फसाड में भूतल पर लाइब्रेरी एवं प्रथम तल पर कैफेटेरिया विकसित किया गया है।

रंगमंच घाट– इसमें एम्फिथियेटर के साथ ग्रीन रूम का निर्माण किया गया है एवं घाटों को पियानो के की-बोर्ड के रूप में विकसित किया गया है।

नयापुरा गार्डन– इसमें खूबसूरत बावड़ी उद्यान का निर्माण किया गया है। यह रिवर फ्रंट का प्रवेश द्वार है। इसमें पार्किंग स्थल भी विकसित किया गया है।

महात्मा गांधी सेतु– रामपुर घाट पर पर्यटकों के आवागमन हेतु महात्मा गांधी सेतु का निर्माण किया गया है.

हाडोती घाट– फसाड में हाडोती की समृद्ध वास्तुशिल्प को अंकित किया गया है जिसमें बूंदी के तारागढ़ फोर्ट के मुख्य द्वार गणेश पोल का निर्माण किया गया है. हाडा रानी एवं पन्नाधाय की गन मेटल की मूर्तियां लगाई गई है. इसके अलावा 84 खभों की छतरी का निर्माण किया गया है।

सिंह घाट– इसमें बांसवाड़ा मार्बल से बने 9 शेरों को लगाया गया है जिनका वजन लगभग 35 टन एवं आकर 15 फीट ऊंचा, 11 फीट लंबा एवं 6 फीट चौड़ा है. इसके मध्य में रानी महल बनाया गया है जिसमें फूड कोर्ट विकसित किया गया है. फसाड में व्यावसायिक दुकानों का निर्माण किया गया है।

उत्सव घाट– इसमें बैंक्वेट हॉल, खूबसूरत छतरियां, कैस्केड स्टार फाउंटेन का निर्माण किया गया है।

कनक महल – इसमें 6 टावर्स का निर्माण किया गया है जिस पर बने डोम्स पर गोल्डन कलर की टाइल्स लगाई गई है. इसमें वाटर पार्क में रेस्टोरेंट का निर्माण भी किया गया है।

छोटी-बड़ी समाज एवं दशावतार– छोटा समाज में अरोमा गार्डन एवं फाउंटेन लगाए गए हैं। बड़ी समाज में वृंदावन तुलसी वन एवं दशावतार की स्थापना की गई है।

विश्व मैत्री घाट– इस घाट पर विशाल बैकुंठ हॉल का निर्माण किया गया है। इसमें 10 मीटर व्यास के ग्लोब का निर्माण किया गया है जिसमें संपूर्ण विश्व समाहित है। इस घाट की थीम वन वर्ल्ड वन ड्रीम एवं भारतीय संस्कृति वासुदेव कुटुंबकम पर आधारित है। इसके फसाड में विश्व प्रसिद्ध वास्तु शिल्प का उपयोग किया गया है।

मुकुट महल– इसमें रिवर फ्रंट का भाव मॉडल संग्रहालय एवं व्यू प्वाइंट का निर्माण किया गया है।

गणेश पोल– इसमें दो विशालकाय मेहराबों का निर्माण किया गया है जिस पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित की गई है. फसाड को आगरा फोर्ट की तर्ज पर विकसित किया गया है जिसमें विप लॉन्च बनाया गया है।

मरू घाट– इस घाट पर गन मेटल की ऊंट की 6 प्रतिमाएं लगाई गई है. घाट में फसाद बोल के बीच उपलब्ध जमीन पर टेंट सिटी विकसित की जा रही है।

जंतर मंतर घाट– इस घाट पर जोडियक टावर का निर्माण किया गया है जिसमें 12 राशि चक्रों को दर्शाया गया है. फसाड पर विश्व प्रसिद्ध जयपुर की ब्लू पटरी वर्क एवं ग्लास टिकरी वर्क का कार्य किया गया है।

ये भी पढ़ें: कोटा बैराज 

हाथी घाट– इसमें प्रकृति चट्टानों पर सफेद मार्बल के हाथी लगाए गए हैं एवं पीछे छतरियों के साथ फसाड बनाया गया है।

जुगनू घाट– इस घाट में एलईडी के फ्लोरा एंड फौना का निर्माण किया गया है। इसमें एक ओपन एमपी थिएटर भी बनाया गया है।

राजपूताना घाट– इस घाट में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे मेवाड़, मारवाड़, डंडार, बागड़, हाडोती क्षेत्र की विभिन्न इमारतों की प्रतिकृतियां बनाई गई है। जैसे पोद्दार हवेली, जग मंदिर, जग निवास, गणगोरी घाट, हवा महल, गणेश पोल, सर्गासूली, विजय स्तंभ, ब्रह्मा मंदिर, रणकपुर पटवा हवेली आदि का निर्माण किया गया है।

शौर्य घाट– यह पश्चिमी छोर का प्रवेश द्वार है। इस चौक में पर्यटकों के लिए पार्किंग इन्फॉरमेशन सेंट्रल रेस्टोरेंट आदि की व्यवस्था की गई है।

रोशन घाट– इस घाट में इस्लामी वास्तुकला को दर्शाया गया है. इसके बीच में जन्नती दरवाजे का निर्माण किया गया है जिसमें जलती हुई 9 मसाले बनाई गई है।

वैदिक घाट– इस घाट पर पांच तत्वों का आभास कराते हुए भदौली शैली में पांच मंदिरों का निर्माण किया गया है।

नंदी घाट– इस घाट पर नंदी की 25 फीट लंबी, 15 फीट चौड़ी एवं 25 फीट ऊंची ऊंचाई की प्रतिमा लगाई गई है।

शांति घाट– इस घाट पर योग मुद्रा में इनविजिबल स्कल्पचर लगाया गया है जिसमें मानव शरीर के सातों चक्रों को दर्शाया गया है।

गीता घाट– गीता घाट में वियतनाम मार्बल की पत्रिका में गीता के संपूर्ण 81 अध्याय के समस्त 700 श्लोकों को तीन भाषाओं संस्कृत, हिंदी एवं अंग्रेजी में उकेरा गया है।

जवाहर घाट– इस घाट पर जवाहरलाल नेहरू का गन मेटल से बना फेस मास्क लगाया गया है जो कि 32 फीट ऊंचा और 25 टन वजनी है. मूर्ति की आंखों से पर्यटक पूर्वी तट के घाटों एवं चंबल माता की मूर्ति को निहार सकेंगे।

Leave a Comment