गर्भवती-नवजात का डाटा डिजिटाइजेशन व ट्रेकिंग में राजस्थान पहला राज्य बनेगा: राज्य में संचालित गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं से सम्बद्ध चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं (आरसीएच) का डिजिटाइजेशन किया जाएगा।
इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह की उपस्थिति में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन राजस्थान एवं जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, यूएसए द्वारा मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन जपाइगो संस्थान के मध्य 11 अगस्त, 2023 को एमओयू हस्ताक्षर किया गया।
प्रदेश के उच्च प्रसव भार वाले चिकित्सा संस्थानों पर संपन्न करवाए जा रहे संस्थागत प्रसवों की डिजिटलाइज क्लीनिकल केयर एवं मातृ स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए यह अनुबंध किया गया है।
इससे प्रदेश में मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण इत्यादि स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलाइजेशन हो सकेगा। इससे उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला अथवा नवजात शिशु को समय पर उचित उपचार के लिए बेहतर रेफरल सुविधाएं उपलब्ध करवाए जाने के लिए सुनियोजित तैयारी की जा सकेगी।
राजस्थान देश में इन सेवाओं का डिजिटलाइजेशन व रियल टाइम मॉनिटरिंग करने वाला पहला राज्य होगा।
मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि प्रारम्भिक चरण में तीन जिलों (बूंदी, करौली व उदयपुर) में प्रत्येक एएनएम को एक किट दिया जायेगा जिसमें डिजीटल डिवाइसेस दी जायेगी। इससे गर्भवती महिलाओं के वजन, बी.पी., गर्भ में बच्चे की धड़कन आदि सभी की जांच कर, रिपोर्ट मोबाइल से पीसीटीएस में दर्ज किया जा सकेगा। सभी सुविधायें सुरक्षित मातृत्व दिवस (प्रत्येक गुरूवार) पर महिलाओं को अपने घर के पास ही उपलब्ध हो सकेगी।
जपाइगो संस्थान द्वारा वर्ष 2009 से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व एनएचएम राजस्थान के साथ समन्वय स्थापित कर मातृ स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रसव पूर्व एवं प्रसव के दौरान प्रसव कक्ष में दी जाने वाली सेवाओं की गुणवता में बेहतरी हेतु संचालित योजनाओं में महत्वपूर्ण तकनीकी सहयोग एवं कार्य क्षमता वृद्धि हेतु प्रशिक्षण में निरंतर योगदान प्रदान किया गया है।