समर्थ योजना I Samarth Yojana: समर्थ कपड़ा मंत्रालय का एक मांग-संचालित और प्लेसमेंट-उन्मुख अम्ब्रेला कौशल कार्यक्रम है, जिसे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा अपनाई गई व्यापक कौशल नीति ढाँचे केअंर्तगत तैयार किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के अवसर पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री (MSMEs) ने महिलाओं के लिये एक विशेष उद्यमिता प्रोत्साहन अभियान – ‘समर्थ’ का शुभारंभ किया था।
समर्थ योजना परिचय:
- समर्थ (वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना) एक प्रमुख कौशल विकास योजना है जिसे 12वीं पंचवर्षीय योजना (FYP) के लिये एकीकृत कौशल विकास योजना, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की निरंतरता में अनुमोदित किया गया है।
- विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (NHDP) के घटक ‘हस्तशिल्प क्षेत्र में कौशल विकास’ के तहत हस्तशिल्प कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये समर्थ (SAMARTH) का कार्यान्वयन कर रहा है।
समर्थ योजना का उद्देश्य:
- वस्त्र मंत्रालय के संबंधित क्षेत्रीय प्रभागों/संगठनों के माध्यम से पारंपरिक क्षेत्रों में कौशल और कौशल उन्नयन को बढ़ावा देने के लिये संगठित वस्त्र एवं संबंधित क्षेत्रों में रोज़गार सृजन में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करने हेतु मांग-आधारित रोज़गार -उन्मुख कौशल प्रदान करना। देश में समाज के सभी वर्गों को आजीविका प्रदान करना।
- समर्थ हथकरघा, हस्तशिल्प, रेशम और जूट जैसे पारंपरिक कपड़ा क्षेत्र की अपस्किलिंग/री-स्किलिंग आवश्यकता को भी पूरा करता है।
➤समर्थ को आधार सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एईबीएएस), प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी), प्रशिक्षण कार्यक्रम की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, हेल्पलाइन नंबर के साथ समर्पित कॉल सेंटर, मोबाइल ऐप, वेब आधारित प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) जैसी उन्नत सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है। प्रशिक्षण प्रक्रिया आदि की ऑनलाइन निगरानी। डैशबोर्ड में राज्य, जिला, प्रशिक्षण केंद्र-वार जानकारी/डेटा सार्वजनिक डोमेन पर उपलब्ध है।
➤मंत्रालय ने समर्थ के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के लिए 116 कपड़ा उद्योग/उद्योग संघों, 12 केंद्रीय/राज्य सरकार एजेंसियों और मंत्रालय के 3 क्षेत्रीय संगठनों के साथ साझेदारी की है।
➤यह योजना देश के 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई है और एससी, एसटी और अन्य हाशिए पर मौजूद श्रेणियों सहित समाज के सभी वर्गों को पूरा करती है। अब तक आवंटित 3.47 लाख लाभार्थियों के कौशल लक्ष्य में से 1.5 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। योजना के तहत अब तक प्रशिक्षित लाभार्थियों में 85% से अधिक महिलाएं हैं। संगठित क्षेत्र के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित 70% से अधिक लाभार्थियों को प्लेसमेंट प्रदान किया गया है।
➤यह योजना कार्यान्वयन भागीदारों (आईपी) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है जिसमें कपड़ा उद्योग/उद्योग संघ, राज्य सरकार की एजेंसियां और कपड़ा मंत्रालय के डीसी/हथकरघा, डीसी/हस्तशिल्प और केंद्रीय रेशम बोर्ड जैसे क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं।