देश की पहली ऐसी महिला अधिकारी हैं जो 15 हजार फीट की ऊंचाई पर बॉर्डर रोड टास्क फोर्स (बीआरटीएफ) की सबसे ऊंची सीमा सड़क चौकी की कमान संभाल रही हैं।
42 वर्षीय कर्नल डोमिंग अरुणाचल प्रदेश की पहली महिला सेना अधिकारी और पूर्वोत्तर की पहली महिला कर्नल हैं। इन्हें अब फिर से दुर्गम इलाके में तैनात किया गया है।
कर्नल पोनुंग डोमिंग लेह सेक्टर में बीआरटीएफ की कमान संभाल रही हैं और अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ बीआरओ की हिमांक परियोजना का काम भी संभालेंगी।
बीआरओ छह दशकों से अधिक समय से राष्ट्र को महत्वपूर्ण सेवा प्रदान कर रहा है। संगठन को देश भर में सबसे चुनौतीपूर्ण सड़कों, सबसे ऊंचे और सबसे लंबे पुलों और सबसे कठिन इलाकों में अत्याधुनिक हवाई क्षेत्रों और सुरंगों का श्रेय दिया जाता है।
वह यूनएन शांति मिशन में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के साथ-साथ जम्मू कश्मीर और मणिपुर में भी तैनात रह चुकी हैं।
ओलोम डोमिंग और जिमी दाई डोमिंग के घर जन्मीं कर्नल डोमिंग ने अपनी पढ़ाई डेइंग एरिंग गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल और पासीघाट केआई जीजे गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल से की।
वह लद्दाख में 15,000 फीट से ऊपर दुनिया की सबसे ऊंची बॉर्डर रोड टास्क फोर्स (बीआरटीएफ) की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी भी हैं, जहां वह उत्तरी सीमाओं पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बीआरओ की विभिन्न परियोजनाओं को संभालेंगी। वह न केवल भारतीय सेना में अरुणाचल से पहली महिला अधिकारी हैं, बल्कि पूर्वोत्तर से पहली कर्नल रैंक वाली अधिकारी भी हैं।
कर्नल पोनुंग डोमिंग ने महाराष्ट्र के सांगली स्थित वालचंद कॉलेज ऑफ इंजीनियिरंग से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। कर्नल डोमिंग न केवल अरुणाचल की लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन का स्रोत हैं।