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चिकित्सा विभाग ने पीसीटीएस मोबाइल ऐप लॉन्च किया

चिकित्सा विभाग ने पीसीटीएस मोबाइल ऐप लॉन्च किया: चिकित्सा विभाग ने गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं और शिशुओं को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की ऑनलाइन ट्रेकिंग, रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग के लिए पीसीटीएस मोबाइल ऐप लॉन्च किया है।

चिकित्सा विभाग ने पीसीटीएस मोबाइल ऐप लॉन्च किया-https://myrpsc.in

इस ऐप के माध्यम से प्रदेश की 53 हजार से ज्यादा आशाएं मोबाइल पर उनके क्षेत्र की महिलाओं एवं बच्चों से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं की डे-टू-डे रिपोर्टिंग कर सकेंगी। चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा, अति. मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने इस ऐप को लॉन्च किया। और इससे संबंधित पोस्टर का विमोचन भी किया।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि इस एप के माध्यम से राज्य की आशा सहयोगिनी बच्चों एवं महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं से पूरी तरह अपटेड रहेगी। उन्हें पता रहेगा कि किस दिन किन बच्चों और महिलाओं का टीकाकरण होना है या किसी अन्य सेवा का लाभ दिया जाना है। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं और बच्चों से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जा सकेगा और इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सूचकांकों में और सुधार होगा।

ऐप पर आशा द्वारा ये सेवाएं रहेंगे अपडेट

इस ऐप पर आशा द्वारा मासिक कार्य योजना, एएनसी, पीएनसी/एचबीएनसी, टीकाकरण, नसबंदी, अन्तराल साधन की सर्विसेज की नामवार सूची, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, प्रसव पश्चात देखभाल, शिशु टीकाकरण, बच्चों का ग्रोथ चार्ट, शिशु एवं मातृ मृत्यु दर, बच्चों को 3, 6, 9, 12 व 15 माह पर दी जाने वाली एचबीवाईसी सेवाएं, महिला की पीसीटीएस आईडी को सर्च करने की सुविधा, सुझावपरक वीडियो, आशा को आशा सॉफ्ट के माध्यम से भुगतान की गयी प्रोत्साहन राशि का विवरण तथा रेफर करने हेतु नजदीकी संस्थाओं की जिओ मैपिंग के माध्यम से जानकारी की सेवाएं उपलब्ध होगी।

ऐप का क्रियान्वयन एवं कवरेज

प्रदेश के 14 हजार 843 उप स्वास्थ्य केन्द्र, 214 जनता क्लिनिक, 2 हजार 655 पीएचसी, 769 सीएचसी, 46 जिला अस्पताल, 67 उप जिला अस्पताल, 13 सैटेलाईट अस्पताल, 141 मेडिकल कॉलेज/सिटी डिस्पेंसरी तथा 47 अन्य चिकित्सा संस्थान एप के क्रियान्वयन एवं कवरेज में शामिल है।

गौरतलब है कि पूर्व में विभाग द्वारा नवाचार के तहत वर्ष 2008 में पीसीटीएस सॉफ्टवेयर लांच किया गया था। इस दौरान यह देखा गया कि वर्ष 2008 में प्रदेश की शिशु मृत्यु दर प्रति हजार जीवित जन्म पर 63 थी जो स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन व पीसीटीएस सॉफ्टवेयर की मदद से वर्ष 2020 में घटकर 32 प्रति हजार जीवित जन्म रह गयी। इसी प्रकार मातृ मृत्यु दर भी 318 से घटकर 113 रह गयी।

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