मधुमेह (डायबिटीज) I Diabetes in Hindi: मधुमेह बीमारी को डायबिटीज/शुगर भी कहा जाता है। मधुमेह के मरीजों को अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल का ना तो सामान्य से अधिक होना ठीक रहता है और ना ही सामान्य से कम होना ठीक रहता है।
डायबिटीज क्या है? डायबिटीज़ एक गैर-संचारी रोग है जो किसी व्यक्ति में तब पाया जाता है जब मानव अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन (एक हार्मोन जो रक्त शर्करा या ग्लूकोज को नियंत्रित करता है) का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर प्रभावी रूप से उत्पादित इंसुलिन का उपयोग करने में असफल रहता है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं।
डायबिटीज के प्रकार:
टाइप-1:
- इसे ‘किशोर-मधुमेह’ के रूप में भी जाना जाता है (क्योंकि यह ज़्यादातर 14-16 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करता है), टाइप-1 मधुमेह तब होता है जब अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल रहता है।
- इंसुलिन एक हार्मोन है जिसका उपयोग शरीर ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु शर्करा (ग्लूकोज) को कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिये करता है।.
- यह मुख्य रूप से बच्चों और किशोरों में पाया जाता है। हालांँकि इसका प्रसार कम है और टाइप-2 की तुलना में बहुत अधिक गंभीर है।
टाइप-2:
- यह शरीर के इंसुलिन का उपयोग करने के तरीके को प्रभावित करता है, जबकि शरीर अभी भी इंसुलिन निर्माण कर रहा होता है।
- टाइप-2 डायबिटीज या मधुमेह किसी भी उम्र में हो सकता है, यहांँ तक कि बचपन में भी। हालांँकि मधुमेह का यह प्रकार ज़्यादातर मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध लोगों में पाया जाता है।
गर्भावस्था के दौरान मधुमेह:
यह गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में तब होता है जब कभी-कभी गर्भावस्था के कारण शरीर अग्न्याशय में बनने वाले इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है। गर्भकालीन मधुमेह सभी महिलाओं में नहीं पाया जाता है और आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद यह समस्या दूर हो जाती है।