WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

राजस्थान के प्रमुख टंगस्टन उत्पादक क्षेत्र

राजस्थान के प्रमुख टंगस्टन उत्पादक क्षेत्र : टंगस्टन लौह धातु खनिज है। ऐसे खनिज जिसमें लोहे के अंश की प्रधानता पायी जाती है। टंगस्टन अथवा वोल्फ्राम आवर्त सारणी के छठे अंतर्वर्ती समूह का तत्व है।

प्राकृतिक अवस्था में टंगस्टन पाँच स्थायी समस्थानिक पाए जाते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 180, 182, 183, 184 तथा 186 हैं।

वोल्फ्रेमाइट और शीलाइट टंगस्टन के मुख्य अयस्क है। इसका उपयोग बिजली के बल्बों के तंतु बनाने में बहुत होता है। टंगस्टन को दूसरी धातुओं में मिलाने पर उनकी कठोरता बढ़ जाती है और ये मिश्रधातुएँ अम्ल, क्षार आदि से प्रभावित नहीं होतीं है।

टंग्स्टन धातु हवा में गरम करने पर अप्रभावित रहती है। खनिज अम्लों तथा अम्लराज का उसपर कोई प्रभाव नहीं होता। केवल सांद्र नाइट्रिक अम्ल एवं हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल के मिश्रण में टंग्स्टन विलेय है।

  • टंगस्टन एक धातु है जिसका गलनांक बहुत अधिक होता है जो 3380 °C होता है।
  • टंगस्टन का उपयोग – टंगस्टन का उपयोग काटने के औजार, शल्यचिकित्सा के यंत्र, इस्पात उद्योग में बहुतायत से होता है। टंग्स्टन इस्पात के पुर्ज़े बहुत कठोर, टिकाऊ तथा न घिसनेवाले होते हैं।

राजस्थान के प्रमुख टंगस्टन उत्पादक क्षेत्र

राज्य में डेगाना (नागौर जिला) क्षेत्र में टंगस्टन के भण्डार है। डेगाना स्थित खान देश में टंगस्टन की सबसे बड़ी खान है ।

क्र. सं.जिलास्थान
1नागौरडेगाना
2पालीनाना कराब
3सिरोहीरेवदर, बाल्दा, आबूरोड

ये भी जरूर पढ़ें: राजस्थान के प्रमुख तांबा उत्पादक क्षेत्र 

Leave a Comment

error: Content is protected !!