राजस्थान के नागौर (डेगाना) में मिले लीथियम के प्रचुर भंडार: राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में लीथियम के प्रचुर भंडार मिलने की पुष्टि हुई है। जिओलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार डेगाना की रेंवत पहाड़ियों पर लीथियम का बड़े भंडार है।
Lithium found in Rajasthan
- डेगाना की रेंवत पहाड़ियों में मिला लिथियम।
- यहां देश की जरूरत का 80 फीसदी लिथियम है मौजूद।
- लीथियम का उपयोग बेहतर गुणवत्ता की बैटरी बनाने में किया जाता है।
- डेगाना की रेंवत पहाड़ियां देश की एक मात्र वो पहाड़ी है जिसने सबसे पहले देश को टंगस्टन धातु उपलब्ध कराया है।
पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में लीथियम भंडारण की संभावनाएं सामने आई हैं।
बाड़मेर के जिओलॉजिस्ट देवेन्द्र सिंह की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना की रेंवत पहाड़ियों के साथ साथ पाली जिले के बड़ाबर में, जोधपुर के बाप क्षेत्र में, जैसलमेर के पोकरण में, नागौर जिले के कुचामन व डीडवाना, चूरू के सुजानगढ़ व तालछापर और बाड़मेर जिले के पचपदरा में भी लीथियम भंडारण की सकारात्मक रिपोर्ट मिली है।
- राजस्थान के साथ ही लिथियम की खोज जम्मू-कश्मीर, मेघालय, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी जारी है।
- रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास अब दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा लिथियम भंडार है।
- फरवरी में जम्मू और कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज की गई थी। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 5.9 मिलियन टन लिथियम डिपॉजिट है।
लिथियम को ‘व्हाइट गोल्ड’ भी कहा जाता है।
- लिथियम दुनिया की सबसे हल्की धातु है, जिसकी जरूरत बैटरी से चलने वाले हर उपकरण को होती है। लिथियम दुनिया की सबसे नर्म और हल्की धातु भी है। उदाहरण के तौर पर यह चाकू से भी काटी जा सकती है। साथ ही पानी में डालने पर तैरने जितनी हल्की होती है। यह रासायनिक ऊर्जा को संग्रहीत करता है और इसे विद्युत ऊर्जा में बदलता है।
लिथियम का उपयोग
- लिथियम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी में होता है। हालांकि, लिथियम का उपयोग लैपटॉप और सेल फोन की बैटरी के साथ-साथ ग्लास और सिरेमिक उद्योगों में भी किया जाता है।