महिला सशक्तीकरण एवं महिला उत्थान के लिए प्रत्येक ब्लॉक में एक महिला ग्राम सेवा सहकारी समिति का गठन किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार 10.53 करोड़ रुपये की अंशदान राशि वहन करेगी।
मुख्य बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन समितियों के गठन की कार्ययोजना के प्रारूप का अनुमोदन किया है।
- प्रत्येक समिति की अंशदान की तीन लाख रुपये राशि भी राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इस तरह राज्य में 351 ब्लॉक में बनने वाली ग्राम सहकारी सेवा समितियों के लिए कुल 10.53 करोड़ रुपये का वित्तीय भार राज्य सरकार वहन करेगी।
- प्रारूप के अनुसार समिति के कार्यक्षेत्र में न्यूनतम एक ग्राम पंचायत होगी तथा न्यूनतम सदस्य संख्या 300 होगी। न्यूनतम हिस्सा राशि 3 लाख रुपये होगी।
- सामान्य क्षेत्रों में सदस्यों से न्यूनतम अमानत राशि 1 लाख रुपये तथा अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में अमानत राशि 75 हजार रुपये होगी।
- किसी भी एक ग्राम पंचायत में दो ग्राम सहकारी सेवा समितियां नहीं होंगी। नई समितियों में फर्नीचर्स एवं अन्य संसाधनों के लिए 50 हजार रुपये प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियों (पैक्स) से दिए जाएंगे।
- गहलोत के इस निर्णय से सहकारिता क्षेत्र में महिलाओं का सक्रिय सहयोग बढ़ेगा। साथ ही, महिलाओं का सर्वांगीण उत्थान तथा सहकारिता आंदोलन को शक्ति, गति एवं दिशा भी मिल सकेगी।