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राजस्व आसूचना एवं आर्थिक अपराध निदेशालय का होगा गठन

राजस्व आसूचना एवं आर्थिक अपराध निदेशालय का होगा गठन: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में आर्थिक अपराधों की रोकथाम और राजस्व के स्त्रोतों पर अधिक मजबूती से निगरानी रखने के लिये राजस्व आसूचना एवं आर्थिक अपराध निदेशालय के गठन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी।

राज्य स्तर पर निदेशालय का नोडल व प्रशासनिक विभाग वित्त (राजस्व) विभाग होगा।

निदेशालय के प्रमुख कार्य-

  • निदेशालय द्वारा आर्थिक अपराधों के नियंत्रण, अनुसंधान, जांच व अभियोजन के कार्य किये जाएंगे।
  • निदेशालय में महानिदेशक/आयुक्त का एक पद, अतिरिक्त निदेशक के चार पद, संयुक्त निदेशक के 10 पद, उप निदेशक के 20 पद सृजित होंगे। यह पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे।
  • इसमें भूमि पर अवैध कब्जा करने, रियल एस्टेट में धोखाधड़ी या अनियमितता करने, बैंक, बीमा या जमापूंजी संबंधी कार्य में धोखाधड़ी या अनियमितता करने, झूठा दिवालियापन घोषित करने, फर्जी कंपनियों का गठन करने, सरकारी साख समितियों के कार्य में धोखाधड़ी करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।
  • साथ ही, राज्य में राजस्व रिसाव की विभिन्न स्त्रोतों से सूचना प्राप्त कर उनका विश्लेषण एवं अन्वेषण किया जाएगा। राजस्व के समस्त स्त्रोतों पर निगरानी रखने तथा कर अपवंचना को रोकने संबंधी कार्य भी किये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय पहले से ही संचालित है। वहीं, बजट 2022-23 में आर्थिक अपराध निदेशालय की घोषणा की गई थी। अब दोनों का सम्मिलन करने से मानव संसाधन तथा अपराधों की जाँच में भी विश्लेषणात्मक क्षमता का समुचित उपयोग हो सकेगा।  

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