(A) जयपुर
(B) बीकानेर
(C) नागौर
(D) भीलवाड़ा
Answer: D
- भगवान देवनारायण के 1111वां जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी 2023 (शनिवार) को भीलवाड़ा के मालासेरी (आसींद) के दौरे पर आयें। देवनारायण जी की जन्मस्थली पर पहली बार किसी प्रधानमंत्री का आगमन हो रहा है। भीलवाड़ा के फड़ चित्रकार कल्याण जोशी भी मालासेरी आयें।
- NOTE: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देवनारायण जयंती पर राजकीय अवकाश (28 जनवरी 2023) की घोषणा की है।
यह भी जरूर पढ़ें: राजस्थान के लोकदेवता तेजाजी
लोकदेवता देवनारायण जी
देवनारायण जी गुर्जर समाज के आराध्य देव है। ये मेवाड शासक महाराणा साँगा के भी आराध्य देव थे इसी कारण राणा साँगा ने देवदूँगरी (चित्तौड़रगढ) मे देवनारायणजी का मंदिर बनवाया था।
- इनका जन्म 1243 ईं. में बगड़ावत परिवार में हुआ था।
- देवनारायण जी के पिता का नाम सवाई भोज एवं माता का नाम सेडू खटाणी था।
- देवनारायण जी के पिता दुर्जनसाल से लडते हुए वीरगती को प्राप्त हो गए।
- इनका विवाह राजा जयसिंह की पुत्री पीपलदे के साथ हुआ था।
- देवनारायण जी के बचपन का नाम उदयसिंह था।
- इनका बचपन ननिहाल मध्यप्रदेश में बीता था।
- देवनारायण जी को उदलजी/उदल भगवान/औषधियों वाला देवता के उपनाम से जाना जाता है।
- इनका घोडा ‘लीलागर’ था।
- गुर्जर जाति के लोग देवनारायण जी को विष्णु का अवतार मानते है।
- देवनारायण जी की फड़ अविवाहित गुर्जर भोपो द्वारा बांची जाती है। देवनारायण जी की फड राज्य की सबसे प्राचीन व सबसे लम्बी फड है । इनकी फड़ पर भारत सरकार द्वारा 1992 में पांच रुपये का डाक टिकट जारी किया गया।
- देवनारायण जी की फड़ में जंतर वाद्य यंत्र का प्रयोग किया जाता है।
- देवनारायणजी का मंदिर आसींद (भीलवाड़ा) में है जहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मेला लगता है।
- देवनारायण जी के मंदिरों(देवरों) में उनकी प्रतिमा के स्थान पर ईंटों की पूजा की जाती है।