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राजीविका का इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक तथा फीनो पैमेंट बैंक के साथ एमओयू

राजीविका का इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक तथा फीनो पैमेंट बैंक के साथ एमओयू: राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) द्वारा मिशन ‘वन जीपी -वन बीसी’प्रोजेक्ट के अंर्तगत राज्य के 17 ज़िलों में स्वयं सहायता समूहों की प्रशिक्षित एवं आईआईबीएफ सर्टिफाइड महिलाओं को बीसी सखी के रूप में लगाने हेतु इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक तथा फीनो पैमेंट बैंक के साथ एमओयू किया गया।

मुख्य बिंदु

  • इसके अतिरिक्त 25 नवंबर, 2022 को ‘पे-नियर बाय’फिनटेक ऐजेंसी के साथ 8 ज़िलों में भी बीसी सखी लगाने हेतु एमओयू किया गया था।
  • इस प्रकार अभी तक 25 ज़िलों में बीसी सखी लगाने के लिये एमओयू किया जा चुका है एवं अतिशीघ्र ही शेष 8 ज़िलों के लिये एयरटेल पेमेंट बैंक से एमओयू किया जाना है।
  • इसके साथ ही 25 अगस्त, 2022 को राज्य स्तरीय महिला समानता दिवस आयोजन कार्यक्रम के अवसर पर 4825 बीसी सखी लगाए जाने हेतु बैंक ऑफ बड़ौदा, राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा आईडीएफसी बैंकों के साथ भी बीसी सखी लगाए जाने हेतु एमओयू किया जा चुका है।
  • डोर स्टेप बैंकिंग सेवाओं में प्रमुख रूप से बचत खाता खोलना, रकम निकासी, रकम जमा करने के साथ-साथ बैंकिंग सेवाओं के अन्य प्रोडेक्टस जैसे बीमा एवं पेंशन योजनाओं में नामांकन की सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के साथ पेंशन वितरण, डीबीटी का पैसा निकासी की सुविधा शामिल हैं।
  • इससे उन्हें डोर स्टेप बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। साथ ही इन बीसी सखियों की आमदनी का एक अच्छा जरिया बनने से उनका सशक्तीकरण, आत्मनिर्भरता तथा बैंकिंग कौशल में वृद्धि हो रही है।
  • उल्लेखनीय है कि विभिन्न बैंकों के माध्यम से लगाई गई बीसी सखी संबंधित ग्राम पंचायत में ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों तथा स्वयं सहायता समूहों के परिवारों को नि:शुल्क बैंकिग सेवाएँ उपलब्ध करवा रही हैं।

राजीविका के बारे में

RGAVP ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में राजस्थान सरकार द्वारा अक्टूबर 2010 में स्थापित एक स्वायत्त संस्था है। सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत यह राज्य में एसएचजी आधारित संस्थागत वास्तुकला से जुड़े सभी ग्रामीण आजीविका कार्यक्रमों को लागू करने के लिए अनिवार्य है।

सोसायटी का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों के लिए वित्तीय रूप से टिकाऊ और प्रभावी संस्थागत मंच तैयार करना, उन्हें स्थायी आजीविका संवर्द्धन और वित्तीय और चयनित सार्वजनिक सेवाओं तक बेहतर पहुंच के माध्यम से घरेलू आय बढ़ाने में सक्षम बनाना और तेजी से बदलते बाहरी सामाजिक-आर्थिक से निपटने के लिए उनकी क्षमता का निर्माण करना है। और राजनीतिक दुनिया। इसका दृष्टिकोण सामुदायिक संस्थानों के माध्यम से ग्रामीण गरीबों, विशेष रूप से महिलाओं और हाशिए के समूहों के लिए आजीविका के अवसरों के विकास का समर्थन करना है।

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