राजस्थान के प्रमुख मीरा मंदिर: आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के प्रमुख मीरा मंदिर के बारे में जानेंगे। आज का हमारा यह आर्टिकल RPSC, RSMSSB, Rajasthan Police, एवं अन्य परीक्षाओं की दृष्टि से अतिमहत्वपुर्ण है। राजस्थान के प्रमुख मीरा मंदिर से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ दी गई है।
श्रीकृष्ण मंदिर/ मीरा मंदिर
- चित्तौड़गढ़ में मीरा बाई मंदिर का निर्माण उत्तर भारतीय वास्तुकला में किया गया है राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के मीरा मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा या रुक्मणी की जगह मीराबाई की प्रतिमा स्थापित है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग के मीरा मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की श्वेत प्रतिमा के साथ मीराबाई की भक्ति करते हुए प्रतिमा स्थापित है।
- मीराबाई के अनुरोध पर मीराबाई के शवसुर, भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त “महाराणा संग्राम सिंह ने कुंभ श्याम मंदिर के पास एक छोटा सा भगवान कृष्ण का मंदिर बनाया।
जगत शिरोमणि मंदिर/ मीरा मंदिर
- जयपुर में आमेर किले के समीप जगत शिरोमणि मंदिर में भी मीराबाई की प्रतिमा स्थापित है। आमेर स्थित जगत शिरोमणि मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण विष्णु स्वरूप में हैं और उनकी प्रतिमा काले संगमरमर से बनी हुई है। जिसकी पूजा मीराबाई करती थी ।
- यह प्रतिमा साल 1576 में हल्दीघाटी युद्ध के बाद जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह प्रथम चित्तौड़ से आमेर ले गए थे। उसी के पास मीरा की मूर्ति भी लगवाई गई। मूल रूप से भगवान विष्णु का यह मंदिर महाराजा सवाई मान सिंह की रानी कंकावति ने अपने पुत्र जगत सिंह की याद में बनवाया था, इसलिए इसका नाम जगत शिरोमणि मंदिर पड़ा।
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कुड़की गांव/ मीरगढ़ दुर्ग में
- मीरा बाई का जन्म कुड़की गांव (पाली) में राव रतन सिंह के महल में हुआ था। जैतारण उपखंड के इस गांव में श्रीकृष्ण मंदिर मीराबाई की भक्ति का साक्षी है। मीराबाई द्वारा स्थापित इस मंदिर में उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की थी। आज भी उनके वंशज भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते है।
चारभुजानाथ/ मीरा मंदिर
- स्थान: मेड़ता सिटी (नागौर)
- यह मंदिर कृष्णभक्त मीरा की नगरी मेड़ता में स्थित है मीरा के आराध्य भगवान चारभुजानाथ जी का मंदिर। मीरा ने यहीं श्री कृष्ण की भक्ति की। मान्यता है कि श्री चारभुजानाथ यहां साक्षात् विराजते हैं। संपूर्ण देश में मीरा का मंदिर नाम से विख्यात चार भुजानाथ यह मंदिर अति प्राचीन तथा ऐतिहासिक है।
- इस प्राचीन मंदिर को मेड़ता के राजा राव दूदा ने बनवाया था। इस ऐतिहासिक मंदिर में चारभुजानाथ की मूर्ति तथा सामने मीरा बाई की संगमरमर की आदमकद मूर्ति स्थापित है।श्री चारभुजानाथ मंदिर में प्रभु की पांच बार पूजा की जाती है। मीरा ने इसी मंदिर में बैठकर ईश्वर की आराधना की। मंदिर में साक्षात् भगवान चारभुजानाथ जी विराजते हैं। प्रत्येक सावन सुदी छठ से तेरस तक यहां चारभुजानाथ जी का मेला भरता है।
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हरिहर मंदिर/ मीरा मंदिर
स्थान: कैलाश पुरी (उदयपुर)
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