राजस्थान में शांति एवं अहिंसा विभाग का गठन

राजस्थान में शांति एवं अहिंसा विभाग का गठन: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 1 अक्टूबर, 2022 को निदेशालय को विभाग बनाने की घोषणा के बाद राज्य केबिनेट में लिये गए शांति एवं अहिंसा विभाग का गठन के प्रस्ताव को राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंज़ूरी प्रदान कर दी है। ये विभाग युवाओं को महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े घटनाक्रम को पढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।

राजस्थान में शांति एवं अहिंसा विभाग का गठन

शांति एवं अहिंसा विभाग को बनाए जाने का ऐलान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022-23 के बजट भाषण में किया था। मुख्‍यमंत्री गहलोत ने उस दौरान कहा था कि महात्मा गांधी के विचारों को लोगों तक पहुंचाने के मकसद से इस विभाग का गठन किया जाएगा।

  • शांति एवं अहिंसा विभाग के ज़रिये शांति और अहिंसा के विचारों का प्रचार-प्रसार, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विभिन्न महापुरुषों, वीर शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों, शांति और सद्भाव, सामाजिक एकता से संबंधित विभिन्न प्रदर्शनियों, प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कायक्रमों के आयोजन के लिये समग्र योजना तैयार कर वित्तीय व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
  • युवाओं को गांधी के जीवन दर्शन से जोड़ने के लिए विचार गोष्ठी आयोजित की जाएगी। विभाग में मुखिया के पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
  • विभाग द्वारा महात्मा गांधी के विचारों एवं सिद्धातों पर आधारित शांति और अहिंसा, साम्प्रदायिक एकता, सामाजिक समानता, सार्वभौमिक भाईचारा, अस्पृश्यता, सामाजिक सुधार से संबंधित प्रस्ताव तैयार कर उनके क्रियान्वयन के लिये उचित कदम उठाए जाएंगे।
  • विभाग द्वारा गांधी सद्भावना सम्मान जैसे विभिन्न पुरस्कारों के लिये, प्राप्त प्रस्तावों के लिये समिति का गठन भी किया जाएगा।       
  • अलग से विभाग बनने के साथ प्रदेश में समय-समय पर गांधी के जीवन दर्शन को लेकर चित्र प्रदर्शनी लगाने के साथ ही उनसे जुड़े साहित्यों का प्रकाशन व युवाओं को महातमा गांधी के जीवन से जुड़े घटनाक्रम को पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
  • स्कूली बच्चों को बापू के जीवन से रूबरू कराने के लिए अन्य प्रदेशों में भी ले जाया जाएगा. यह विभाग सामाजिक न्याय विभाग के साथ मिलकर दलितों के उत्थान के लिए भी काम करेगा।

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