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सौर कृषि आजीविका योजना

सौर कृषि आजीविका योजना: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 30 सितंबर, 2022 को किसानों को अपनी खराब अथवा बंजर जमीन पर सोलर इनर्जी प्लांट लगाने में सहायता करने के लिए सौर कृषि आजीविका योजना को मंजूरी दी है। जहां खराब जमीन से पहले उन्हें कुछ नहीं मिलता था. वहीं अब प्लांट लगने से उन्हें कुछ रकम हासिल होगी।

सौर कृषि आजीविका योजना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को अपनी अनुपयोगी अथवा बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सहायता करने के लिए सौर कृषि आजीविका योजना को मंजूरी दी है। सौर कृषि आजीविका योजना से किसानों को अपनी अनुपयोगी भूमि लाभकारी लीज़ दर पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये देकर आजीविका उपार्जित करने में सुविधा होगी तथा उनका जीवन-स्तर ऊपर उठेगा।

योजना के अंतर्गत एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जहाँ किसान/भूमि मालिक अपनी ज़मीन को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये लीज पर देने हेतु पंजीकृत करा सकते हैं।

  • भूमि विकासकर्त्ता उक्त किसानों द्वारा पोर्टल पर डाला गया भूमि विवरण देख सकते हैं तथा नियमानुसार सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं।
  • राज्य सरकार द्वारा भूमि मालिक/किसान, विकासकर्त्ता तथा संबंधित डिस्कॉम या कंपनी के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध किया जाएगा, ताकि भूमि मालिक/किसान को जोखिम से सुरक्षा प्रदान किया जाना सुनिश्चित हो सके।
  • सौर कृषि आजीविका योजना से विकासकर्त्ता भी संयंत्र स्थापित करने के लिये सुगमता से पीएम कुसुम योजना के तहत केंद्रीय अनुदान (लागत का 30 प्रतिशत) प्राप्त कर सकेंगे।
  • इस निर्णय से सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ने से राज्य सरकार द्वारा राजस्थान को एक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकेगा तथा ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम होने से पर्यावरण प्रदूषण का स्तर कम होगा तथा आमजन को राहत मिलेगी।    
  • पीएम कुसुम योजना में स्थापित सोलर इनर्जी प्लांटों से पैदा बिजली के विक्रय के लिए 3 रुपये 7 पैसे यूनिट का टैरिफ तय है. यानी किसान अपने खेत में सोलर प्लांट लगाकर बिजली पैदा करे। उसे खुद भी इस्तेमाल करे और फिर बची बिजली बेच दे।
  • सोलर प्लांट की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित विद्युत सब-स्टेशनों के लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में होगी। अनुपयोगी बंजर कृषि भूमि पर 500 किलोवॉट से 2 मेगावॉट क्षमता के प्लांट लगेंगे. इन्हें विद्युत वितरण कंपनी के चिन्हित 33/11 केवी सब-स्टेशनों से सीधे जोड़ा जाएगा।

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