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राजस्थान के संत एवं सम्प्रदाय से संबंधित प्रश्न (MCQ)

Q30. रसिक संप्रदाय का प्रवर्तक कौन था?

(A) अचलदास

(B) अग्रदास

(C) ईसरदास

(D) रामचरण

Answer: B  

  • रसिक सम्प्रदाय के प्रवर्तक सन्त श्री कृष्णदास जी पयहारी के शिष्य अग्रदास जी थे।

Q31. राजस्थान में रसिक सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ कहाँ पर है?

(A) गलताजी (जयपुर)

(B)  रैवासा (सीकर)

(C) सलेमाबाद (अजमेर)

(D) नाथद्वारा (राजसमन्द)

Answer: B

  • राजस्थान में रसिक सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ रैवासा (सीकर) है।
  • राजस्थान में रामानन्दी सम्प्रदाय का प्रवर्तन सन्त श्री कृष्णदास जी पयहारी ने किया। राजस्थान में रामानन्दी सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ गलताजी (जयपुर) है। गलताजी को जयपुर की काशी कहा जाता है।
  • सलेमाबाद (किशनगढ़, अजमेर) में निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ है ।
  • नाथद्वारा (राजसमन्द) में वल्लभ सम्प्रदाय/पुष्टि मार्ग की प्रमुख पीठ है।

Q32. मलूकनाथ किस पंथ के साधु थे?

(A) रामानन्द पंथ

(B) चरणदासी पंथ

(C) गरीबदासी पंथ

(D) रामस्नेही पंथ

Answer: A  

Q33. आचार्य तुलसी दास ने अणुव्रत आन्दोलन का सूत्रपात कब किया?

(A) 1945 ई.

(B) 1949 ई.

(C) 1942 ई.

(D) 1947 ई.

Answer: B 

1 मार्च 1949 को राजस्थान के सरदारशहर कस्बे में अणुव्रत आंदोलन का प्रारंभ तेरापंथ जैन संघ के आचार्य तुलसी ने किया। आचार्य तुलसी के अनुसार अणुव्रत आंदोलन व्यवहार की शुद्धि, नैतिकता, प्रामाणिकता और संयम का आंदोलन हैं। और ये तत्व समाजवाद की स्थापना के लिए अनिवार्य हैं।

Q34. राजस्थान के किस संत और रामानंद के शिष्य ने अपने राज्य को त्याग कर गुरू मंडली में सम्मिलित हुए?

(A) रज्जब जी

(B) जाम्भो जी

(C) पीपा जी

(D) धन्ना जी

Answer: C 

  • इनका जन्म गागरोंन दुर्ग में हुआ था।  पीपा जी के बालपन का असली नाम राजकुमार प्रतापसिंह था । ये माँ दुर्गा के भक्त थे बाद में रामानंद को अपना गुरु बनाया। इन्होने चितावानी जोग नामक ग्रन्थ की रचना की ।
  • पीपा जी ने अपना अंतिम समय टोडा में बिताया चैत्र कृष्ण नवमी को यही उनका देहांत हो गया. इस स्थान को आज पीपाजी की गुफा के नाम से जानते हैं ।

Q35. मीरां ने अपना अन्तिम समय किस स्थान पर बिताया था?

(A) द्वारिका

(B) चित्तोड़

(C) मेड़ता

 (D) मथुरा

Answer: A  

इतिहासकारों के अनुसार, मीरा अपने जीवन के अंतिम वर्षों में द्वारका में रहती थी। 1547 ईस्वी में गुजरात के डाकोर स्थित रणछोड़ मंदिर में मीराबाई चली गई और वहीं विलीन हो गई। ऐसा माना जाता है कि 1547 ईस्वी में ही वहीं रणछोड़दास के मंदिर में मीराबाई की मृत्यु हो गई।

Q36. जाम्भोजी के 29 नियमों का पालन करने वाले अनुयायी क्या कहलाये?

(A) नाथपंथी

(B) रामस्नेही

(C) गुर्जर

(D) विश्नोई

 Answer: D   

Q37. संत दरियावजी रामस्नेही संप्रदाय की किस शाखा के प्रवर्तक थे?

 (A) रैण शाखा

(B) सिंहथल

 (C) शाहपुरा

 (D) खेडापा

 Answer: A  

  • रामस्नेही सम्प्रदाय की रैण शाखा (मेड़ता) के प्रवर्तक दरियावाजी थे| इनके गुरु का नाम संतदास था|

Q38. ‘संत गुण सागर’ व ‘नाम-माला’ किस संत द्वारा रचित है?

(A) धन्ना

(B) दादू

(C) पीपा

(D) मीरा

Answer: B  

Q39. कौनसा कूट सुमेलित नहीं है?

  लोक सन्त –                   जन्म वर्ष

(A) मीरा –                   1498 ई.

(B) दादू दयाल –         1544 ई.

(C) सन्त जसनाथ जी – 1482 ई.

(D) सन्त चरणदास जी – 1503 ई.

Answer: D  

चरणदास का जन्म मेवात (राजपूताना) के डेहरा नामक ग्राम (अलवर) में भाद्रपद शक्ल तृतीय, मंगलवार के दिन सन 1703 ई. में एक ढूसर वैश्य कुल में हुआ था। इनके पिता का नाम मुरलीधर और माता का कुंजो था।  नामकरण संस्कार के समय उनका नाम रणजीत रखा गया। सन्त चरणदास जी ने चरणदासी सम्प्रदाय की स्थापना की।

Q40. निम्न चार सिद्धांतों का किस संत से संबंध हैं?

(i) हवन करना चाहिए

(ii) जीवों पर दया करनी चाहिए

(iii) प्रात:काल स्नान करना चाहिए

(iv) सायं ईश्वर की आरती तथा भजन करना चाहिए

(A) धन्ना

(B) सिद्ध जसनाथ

(C) जांभोजी

(D) सन्त पीपा

Answer: C 

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