WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Amagarh Leopard Reserve I आमागढ़ लैपर्ड रिजर्व

आमागढ़ लैपर्ड रिजर्व (Amagarh Leopard Reserve) -https://myrpsc.in

Amagarh Leopard Reserve I आमागढ़ लैपर्ड रिजर्व: मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 22 मई 2022 को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान के तीसरे लैपर्ड रिज़र्व आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व का उद्घाटन और लोकार्पण किया। आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व वन एवं वन्यजीव संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

आमागढ़ लैपर्ड सफारी से स्थानीय लोगों के रोजगार और प्रदेश के पर्यटन को भी समर्थन मिलेगा।

जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वर्ष 2010 में ही राजस्थान जैविक विविधता नियम की अधिसूचना जारी की। प्रदेश में 3 राष्ट्रीय उद्यान, 27 वन्यजीव अभयारण्य, 27 कंजर्वेशन रिजर्व और 4 टाइगर प्रोजेक्ट हैं। इन सभी के संरक्षण और संवर्धन के लिए अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। वर्तमान सरकार द्वारा ही इको-टूरिज्म पॉलिसी-2021 लागू की गई है।

हाल ही राज्य के चौथे टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में रामगढ़ विषधारी को विकसित किया गया है।

आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व की स्थिति

अरावली पर्वत श्रृंखलाओं पर स्थित आरक्षित वन खण्ड आमागढ 1524 हैक्टेयर में फैला हुआ वन क्षेत्र है। यह जयपुर शहर के पूर्व में स्थित है। प्रदेश के पहले लेपर्ड रिजर्व झालाना व नाहरगढ़ अभयारण्य के मध्य में स्थित होने के कारण यह वन क्षेत्र वन्य जीव संरक्षण एवं कॉरिडोर विकास की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। आमागढ़ वन खण्ड से लगते हुए ही आरक्षित वन खण्ड लालबेरी 112 हैक्टेयर क्षेत्र में स्थित है। दोनों वन खण्डों का कुल क्षेत्रफल 1636 हैक्टेयर है। जिसकी पैरिफेरी करीब 28.6 किलोमीटर है।

आमागढ़ में वन एवं वन्यजीव

आमागढ़ जैव विविधता के क्षेत्र में समृद्ध है | यहाँ का प्रमुख वन्य जीव लेपर्ड है। इसके अतिरिक्त मांसाहारी वन्य जीवों में मुख्यतः हायना, जैकाल, जंगली बिल्ली, लोमड़ी व सीवेट कैट हैं। शाकाहारी वन्य प्राणियों में सांभर, नीलगाय, खरगोश आदि वन्य प्राणी हैं। यह वन क्षेत्र एक उष्ण कटिबन्धीय, मिश्रित/पतझड़ /मानसूनी वन क्षेत्र है। यहां मुख्यतः रेतीले प्लेन एरिया में टोटलिस, कुमठा, खेजड़ी पहाड़ी के ढलान पर धौंक, सालर, गोया खैर आदि वनस्पति मौजूद हैं।

इसके अतिरिक्त यहाँ लोकल व माइग्रेटरी बर्डस् सहित करीब 250 प्रकार के पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है जिनमे मोर, तीतर, डव, बैवलर, मैना, पैराकीट, रौबिन, वुड पैकर, बुल-बुल, शिकरा आदि स्थानीय पक्षी हैं। पिट्ठा, पैराडाइज पलाई कैचर, गोल्डन औरियल, पाइड कुक्कू, यूरेशियन कुक्कू, यूरेशियन रौलर, औरियन्ट स्कूप आउल, पैलिड स्कूप आउल, नौर्दन गौसौक, यूरेशियन स्पैरोहीक आदि प्रवासी पक्षी हैं जो देश-विदेश के विभिन्न कोनों से प्रजनन व भोजन की तलाश में आते हैं।

पर्यटन की दिशा में आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व

आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में सफारी का आयोजन सुबह और शाम दो पारियों में किया जाएगा। भीड़भाड़ से बचने और पर्यटन को विनियमित करने के लिए प्रत्येक पारी में सीमित संख्या में वाहनों के प्रवेश की अनुमति होगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए सफारी टिकट ऑनलाइन उपलब्ध होंगे और बुकिंग वेबसाइट https://sso.rajasthan.gov-in पर की जा सकती है।

सफारी के साथ निहारेंगे किले

राजस्थान की गुलाबी नगरी शुरू से ही पर्यटकों की पहली पसंद रही है। अब यहां सफारी के दौरान सैलानी न केवल पैंथर और अन्य वन्य जीव प्रजातियां देख सकेंगे, बल्कि रघुनाथगढ़ किला, जयगढ़, नाहरगढ़ किले के साथ ही हवामहल, अम्बामाता मंदिर और मानसागर की पाल भी निहार सकेंगे. इनके अलावा अरावली की सुरम्य पहाड़ियां, सनराइज और सनसेट पॉइन्ट भी देख सकेंगे।

Leave a Comment

x
error: Content is protected !!